Dhanbad (Jharkhand): धनबाद में पेड़ों की हो रही अंधाधुंध कटाई को रोकने के लिए यहां के लोगों द्वारा किए जा रहे चिपको आंदोलन का भी बीसीसीएल के अधिकारियों पर असर नहीं हो रहा है। जिससे लोगों में अब बीसीसीएल के प्रति आक्रोश पनपने लगा है। एक ऐसा ही नजारा मंगलवार को देखने को मिला।
दरअसल माइनिंग के लिए बीसीसीएल के सुरक्षा बलों और अधिकारियों की देख रेख में हो रही पेड़ों की कटाई को स्थानीय लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। सैकड़ों महिला, पुरुष एवं बच्चों ने जंगल की कटाई कर रहे बीसीसीएल कर्मियों, अधिकारियों एवं उनकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षा बलों को उल्टे पांव लौटने पर विवश कर दिया। इस वरोध की वजह से एक बार पुनः सैकड़ो पेड़ कटने से बच गए।
2 हजार पेड़ काटने पहुंचे थे कर्मी
धनबाद के पुटकी थाना क्षेत्र स्थित गोपालीचौक के 13 नम्बर से 17 नंबर के बीच स्थित एक किलोमीटर तक फैले हरे भरे जंगल को काटने पहुंची बीसीसीएल की टीम का स्थानीय लोगों ने खुलकर विरोध किया। मौके पर उमड़ी लोगों की भीड़ ने न सिर्फ सड़क पर उतर कर इसके खिलाफ नारेबाजी की, बल्कि उग्र रूप अपनाते हुए यहां के करीब 2 हजार पेड़ों को काटने पहुंची बीसीसीएल की टीम को यहां से बैरंग लौटने पर विवश कर दिया।
पेड़ों से चिपक कर शुरू किया था आंदोलन
बता दें कि बीसीसीएल पीबी एरिया प्रबन्धक ने जिला प्रशासन एवं वन विभाग को पत्र भेज वन विभाग से यहां स्थित करीब दो हजार पेड़ों को काटने का आदेश प्राप्त किया है, ताकि यहां उत्खनन कर कोयला निकाला जा सके। जिसके बाद यहां की स्थानीय जनता एवं पर्यावरण प्रेमियों ने पेड़ों की होने वाली अंधाधुंध कटाई को रोकने के लिए चिपको आंदोलन शुरू किया था। जिसके तहत पिछले दिनों सैकड़ों महिला एवं बच्चों ने पेड़ों से चिपक कर पेड़ो को कटने से बचाया था।
लोग बोले- पेड़ों की कटाई उचित नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि धनबाद में प्रदूषण चरम पर है। ऐसे में पेड़ों की कटाई उचित नहीं हैं। यदि बीसीसीएल को कोयले का उत्खनन करना ही है तो वह अंडरग्राउंड माइनिंग करे, न कि पेड़ों की कटाई कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए।
घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस की टीम ने किसी तरह लोगों को समझाबुझा कर शांत कराया और इसपर वार्ता कर इसका हल निकालने का आश्वासन दिया। तब जाकर लोग शांत हुए।
धनबाद से अरुण कुमार तिवारी की रिपोर्ट।
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