Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में सारंडा जंगल के 314 वर्ग किलोमीटर इलाके को अभयारण्य घोषित करने के निर्देश पर इससे संबंधित वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार झारखंड सरकार ने राज्य के कोल्हान प्रमंडल स्थित सारंडा जंगल के इलाके को अभयारण्य घोषित करने का निर्णय लिया है. बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार सारंडा का 314 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र अभयारण्य घोषित किया जाएगा. इस जंगल में रहने वाले आदिवासियों, मूलवासियों के जीवन पर इससे कोई असर नहीं पड़ेगा. वे पहले की तरह सामान्य रूप से यहां जीवन बसर कर सकेंगे.’
कोल्हान-सारंडा क्षेत्र के लोग सड़क पर उतरे
जिस लड़ाई को हेमंत सोरेन उच्चतम न्यायालय में लड़ रहे हैं. उसी के समर्थन में मंगलवार को कोल्हान-सारंडा क्षेत्र के लोग सड़क पर उतरे. सारंडा जंगल क्षेत्र में रह रहे लोगों पर किसी भी ढंग की आंच नहीं आने दी जाएगी. मुख्यमंत्री की मुख्य चिंता सारंडा क्षेत्र में रह रहे लोग हैं. विरासत में मिले विवादों को सुलझा रहे हैं. सीएम की मुख्य चिंता है सारंडा क्षेत्र में रह रहे लोग. मेरी लड़ाई ही इसी की है कि आखिर जंगल को जिन्होंने लगाया, जिन्होंने उसे बचाया, उन्हें ये नियम कानून परेशान नहीं करें. आखिर कब तक हम आदिवासियों को नियमों में बांधकर परेशान किया जाएगा.
लोगों के अधिकारी की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे-सीएम
सोरेन ने कहा ने कि हम लड़ रहे हैं और वहां के लोगों के अधिकारी की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे. खनिज संसाधन को कुछ समय तक नजरअंदाज भी कर सकते हैं, लेकिन लोगों के अधिकार से कोई समझौता नहीं होगा. हमारी सरकार उस क्षेत्र में रह रहे लोगों के अधिकार की रक्षा करने के शर्त के साथ कोर्ट जा रही है. कोर्ट का निर्णय मानेंगे तब जब हमारी इन मानवीय निर्णयों पर विचार किया जाएगा और दूसरी तरफ बता दूं कि यह लड़ाई वहां के लोगों के साथ-साथ मेरी भी है. हम हर संभव इसे जीतने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि वह विरासत में मिले विवादों को सुलझा रहे हैं और लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे.