Budget Session 2024: संसद के मानसून सत्र का दूसरे पार्ट की कार्यवाही जारी है। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश किया। ऐसे में अब बजट की अनुदान मांगों को लेकर सदन में चर्चा हो रही है। सभी सांसद बारी-बारी से अपने-अपने क्षेत्र की मांगों को सदन में रख रहे हैं। झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी इस दौरान अपनी बात रखी।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने विपक्ष के नारे संविधान खतरे में है से अपनी बात की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि सन 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड नया राज्य बना। मैं जिस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हूं वह संथाल परगना में आता है। जब राज्य बना यहां आदिवासियों की आबादी 36 प्रतिशत हुआ करती थी लेकिन 2024 में यह आबादी घटकर 26 प्रतिशत रह गई है। सभी सरकारों की नीतियां आदिवासियों के हितों के लिए होती है। इनमें केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें शामिल है।
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10 प्रतिशत आदिवासी हो गए गायब
निशिकांत दुबे ने कहा कि हम सभी संसद में पिछड़ो, दलितों और आदिवासियों के उन्मुलन की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत आदिवासी कहां गायब हो गए। इसके बारे में सदन में कभी चर्चा नहीं होती है। हमारे यहां जो सरकार है कांग्रेस और झामुमो की वे भी इसको लेकर कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। हमारे यहां आज आदिवासी बहनें बांग्लादेशी घुसपैठियों से शादी कर रही है। हमारे यहां जो आदिवासी बहनें चुनाव लड़ रही है उनके पति मुस्लिम है। लेकिन वे कोटा एसटी का यूज कर रही है। उन्होंने कहा कि संथाल परगना में 100 आदिवासी महिलाएं मुखिया है लेकिन उनके पति मुसलमान है।
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दंगा करवा रहे हैं मुस्लिम
वहीं जनसंख्या वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि हर 5 साल में हर विधानसभा क्षेत्र में वोटर्स की संख्या बढ़ती है। हमारे कई विधानसभा में मुस्लिमों की आबादी 100 से 200 प्रतिशत तक बढ़ गई है। उन्होंनें कहा कि बंगाल से आने वाले बांग्लादेशी मुसलमान यहां आकर दंगा करवा रहे हैं।