---विज्ञापन---

ओपीएस बहाली पर बीजेपी का तर्क कमजोर, आम आदमी पार्टी का विरोध जारी

AAP Leader Sushil Gupta:आम आदमी पार्टी के डॉ. सुशील गुप्ता ने ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) की बहाली की मांग पर बीजेपी सरकार को घेरा। सरकारी कर्मचारी 20 सालों से ओपीएस की बहाली चाहते हैं। आगामी हरियाणा चुनावों में यह मुद्दा प्रमुख रहेगा, जहां कर्मचारी "ओपीएस नहीं तो वोट नहीं" का संकल्प ले चुके हैं।

Edited By : Devansh Shankhdhar | Updated: Aug 28, 2024 18:43
Share :
aap leader

AAP Leader Sushil Gupta: आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) की बहाली के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को नई पेंशन योजना (एनपीएस) के नाम पर एक कमजोर स्कीम दे रही है, जो एनपीएस से भी बदतर है। डॉ. गुप्ता ने जोर देकर कहा कि सरकारी कर्मचारी पिछले 20 सालों से ओपीएस की बहाली की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।

बीजेपी विधायकों को कई पेंशन, कर्मचारियों को एक भी नहीं

डॉ. सुशील गुप्ता ने बीजेपी के विधायकों और मंत्रियों पर तंज कसते हुए कहा कि वे 5-6 पेंशन का लाभ उठा रहे हैं, जबकि सरकारी कर्मचारियों को एक पेंशन भी नहीं मिल पा रही। उनका कहना है कि बीजेपी सरकार का रवैया साफ़ है—उन्हें कर्मचारियों की परवाह नहीं है। इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी ने साफ़ कर दिया है कि वह ओपीएस का समर्थन करती है और इसे लागू करने के लिए संघर्ष करती रहेगी।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़े: हार्वर्ड पास गर्लफ्रेंड ने स्टार्टअप फाउंडर प्रेमी के कपड़े धोए, बाल काटे, इंटरनेट पर छेड़ी नई बहस

कर्मचारियों के आंदोलन और विरोध प्रदर्शन

डॉ. गुप्ता ने कर्मचारियों द्वारा ओपीएस बहाली के लिए किए गए विभिन्न आंदोलनों और विरोध प्रदर्शनों की चर्चा की। 19 फरवरी 2023 को पंचकूला में मुख्यमंत्री आवास का घेराव, 16 अप्रैल को जिला स्तरीय आक्रोश प्रदर्शन, और एक अक्टूबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में पेंशन शंखनाद महारैली का आयोजन किया गया था। इसके बाद 11 फरवरी को जींद में ओपीएस संकल्प महारैली कर कर्मचारियों ने “ओपीएस नहीं तो वोट नहीं” की शपथ ली थी।

---विज्ञापन---

आगामी मार्च और रैलियों की तैयारी

कर्मचारियों की संघर्ष समिति ने आगे की रणनीति के तहत 25 अगस्त को अंबाला में ओपीएस तिरंगा मार्च निकाला। अब, एक सितंबर को हिसार और आठ सितंबर को रोहतक में मंडल स्तरीय मार्च आयोजित किए जाएंगे। इस मार्च के जरिए कर्मचारियों का उद्देश्य सरकार पर ओपीएस बहाल करने का दबाव बनाना है।

बीजेपी के खिलाफ वोट की चोट

डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि हरियाणा के आगामी विधानसभा चुनावों में प्रदेश के कर्मचारी बीजेपी के खिलाफ वोट की चोट से सबक सिखाने का काम करेंगे। आम आदमी पार्टी ने यह वादा किया है कि उनकी सरकार बनने पर ओपीएस को तुरंत बहाल किया जाएगा।

यह भी पढ़े: क्या भविष्य में नहीं पैदा होंगे लड़के? रिसर्च में खुलासा, Y क्रोमोसोम में गिरावट से टेंशन में वैज्ञानिक

ओपीएस की मांग: एक सुनिश्चित पेंशन

पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) 2004 से पहले तक सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू थी, जिसमें कर्मचारी अपनी सेवा के अंत में एक सुनिश्चित पेंशन प्राप्त करते थे। लेकिन एनपीएस लागू होने के बाद, कर्मचारियों को अब यह सुविधा नहीं मिल रही है। सरकार द्वारा लाई गई नई योजनाएं भी कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं कर रही हैं। कर्मचारियों की स्पष्ट मांग है कि यदि ओपीएस बहाल नहीं होती, तो वे बीजेपी को वोट नहीं देंगे।

HISTORY

Written By

Devansh Shankhdhar

First published on: Aug 28, 2024 06:43 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें