Gujarat Collector Declare Dry Day: गुजरात में शराबबंदी का कानून लागू है। कानून के तहत प्रदेश में कहीं पर भी शराब को बेचने और उसके सेवन करने पर प्रतिबंध है। इस बीच महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए तापी जिले के कलेक्टर ने 20 नवंबर को वोटिंग के चलते 48 घंटे तक के ड्राई डे की घोषणा की है। तापी के जिला कलेक्टर का आदेश सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है। वहीं शराबबंदी वाले स्टेट में कई लोग कलेक्टर के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं।
तापी के जिला कलेक्टर आरआर बोरडे ने अपने आदेश में लिखा कि जिले से सटे हुए महाराष्ट्र में निष्पक्ष मतदान हो, कानून व्यवस्था बनी रहे इसलिए मतदान के दौरान जिले में शराब या उसके जैसे अन्य नशीले पदार्थों के बेचने पर प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही महाराष्ट्र राज्य में होने वाले मतदान यानि की 20 नवंबर से वोटों की गिनती यानि 23 नवंबर के दिन तक प्रदेश में ड्राई डे रहेगा और आदेश का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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आदेश पर उठ रहे सवाल
इस आदेश के बाद सवाल उठे कि जब गुजरात में अन्य राज्यों की तरह शराब के ठेके नहीं हैं तो फिर ऐसा आदेश निकालने की क्या आवश्यकता है? प्रदेश में शराब तब से बैन है, जब से वह स्टेट बना है। ऐसे में तापी जिला के कलेक्टर को अलग से ड्राई डे के ऐलान की जरूरत क्यों पड़ी?
1960 से बैन है शराब
बता दें कि गुजरात में 1 मई 1960 से ही शराबबंदी लागू है। जब बाॅम्बे को महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों में बांटा गया था। तब से वहां पर शराब प्रतिबंध है। गुजरात को ड्राई स्टेट माना जाता है, यहां पर शराब पर कड़े नियमों का पालन किया जाता है। यहां शराब बनाने, बेचने, स्टोर करने और पीने पर पूर्णतया रोक है। हालांकि सरकार ने कुछ समय पहले गांधीनगर की गिफ़्ट सिटी में शराब पीने की अनुमति दे दी है।
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