PM Garib Kalyan Anna Yojana: मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के मार्गदर्शन में गुजरात ने इस योजना का प्रभावी तरीके से अमल किया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गुजरात सरकार द्वारा साल 2024 में 21.91 लाख भोजन उपलब्ध कराए जाएंगे। टन खाद्यान्न बांटा गया है, जिसका अनुमानित बाजार मूल्य 7529 करोड़ रुपये है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने कोरोना महामारी के कठिन दौर में गरीब परिवारों को मुफ्त खाद्य उपलब्ध कराने के मकसद से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) की शुरुआत की। हालांकि, जरूरतमंद परिवारों पर वित्तीय बोझ कम हो और उन्हें फूड डिस्ट्रीब्यूशन का ज्यादा लाभ मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए इस योजना को अब दिसंबर 2028 तक बढ़ा दिया गया है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अंतर्गत आने वाले अंत्योदय परिवारों को हर महीने 35 किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध कराती है। प्राथमिकता वाले परिवारों को हर व्यक्ति हर महीने 5 किलोग्राम अनाज और 1 किलोग्राम राशन दिया जाएगा। मुफ्त खाद्यान्न दो प्रकार के परिवारों को बांटा जाता है।
गुजरात में कितने परिवारों को मिला लाभ?
गुजरात सरकार ने गरीबों और वंचितों के विकास को पहली प्राथमिकता दी है और विशेष रूप से पोषण-उन्मुख योजनाओं को अमल किया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत प्रदेश में 76.6 लाख से अधिक परिवारों के 3.72 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।
साल 2024 में राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 7,529 करोड़ रुपये मूल्य का 21.91 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न मुफ्त बांटने का निर्णय लिया है। इसमें अंत्योदय अन्न योजना के 36.40 लाख से अधिक लाभार्थी और प्राथमिकता वाले परिवारों के 3.30 करोड़ से अधिक लाभार्थी शामिल हैं।
गुजरात बजट में इन चीजों में दिए गए करोड़ रुपये
साल 2025-26 के लिए हाल ही में पेश गुजरात बजट में खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के लिए कुल 2712 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। एनएफएसए राशन कार्ड धारकों को प्रोटीन युक्त पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए अरहर दाल और चना बांटने के लिए 767 करोड़ रुपये दिए गए हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत पात्र लाभार्थियों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए 675 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसके अलावा एनएफएसए लाभार्थी परिवारों को साल में दो बार रियायती दरों पर खाद्य तेल उपलब्ध कराने के लिए 160 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
इसके अलावा, बाजरा की खपत को बढ़ावा देने के लिए किसानों को मैक्सिमम सपोर्ट प्राइस के अलावा 300 रुपये प्रति क्विंटल का प्रोत्साहन बोनस देने के लिए 37 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, ताकि किसानों को बाजरा, ज्वार और रागी की खरीद पर वाजिब दाम मिल सके।
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