वक्फ कानून के खिलाफ देश के कई राज्यों में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। इस बीच गुजरात के बनासकांठा में मुस्लिम अधिकार मंच को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, UCC और वक्फ के विरोध के लिए मुस्लिम अधिकार मंच ने बनासकांठा के पालनपुर में मौन विरोध-प्रदर्शन करने की इजाजत मांगी थी। लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा रैली की अनुमति नहीं दी गई।
हाई कोर्ट ने रैली की इजाजत देने से किया इनकार
स्थानीय प्रशासन द्वारा रैली की अनुमति नहीं मिलने के बाद मुस्लिम अधिकार मंच ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आवेदक ने स्थानीय प्रशासन के निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती दी। हालांकि, यूसीसी और वक्फ मामलों में मौन रैली निकालने के मामले में तत्काल राहत देने से हाई कोर्ट ने साफ इनकार कर दिया।
मामले में अगली सुनवाई 21 अप्रैल को
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि 15 अप्रैल को होने वाली रैली में 1000 से अधिक लोग भाग लेने जा रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से वकील जीएच विर्क ने महत्वपूर्ण तर्क दिया। उन्होंने कहा कि सभी को विरोध-प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन कानून-व्यवस्था की कीमत पर नहीं। राज्य सरकार का कहना है कि केवल रैलियां निकालना और कानूनी सुझावों या प्रस्तावों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करना ही एकमात्र तरीका नहीं है। विरोध प्रदर्शन प्रतिनिधित्व और अन्य तरीकों से किया जा सकता है। इस मामले में अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी।
वक्फ संशोधन कानून को लेकर प्रदर्शन
बता दें कि वक्फ अधिनियम को लेकर देश में जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के कानपुर से वक्फ संशोधन कानून को लेकर एक खौफनाक घटना सामने आई है। कानपुर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद वक्फ संशोधन कानून को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया। नए वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक युवक खुद पर केरोसिन डाल कर आत्मदाह करने का प्रयास किया। पुलिस ने 4 लोगों को हिरासत में लिया है और बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी को तैनात किया गया है। नौबस्ता थाना क्षेत्र स्थित मछरिया की जामा मस्जिद में दोपहर के वक्त जुमे की नमाज अता की गई थी। जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग इकठ्ठा हो गए। हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ नारे बाजी करने लगे और नए वक्फ कानून को रिजेक्ट करने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।