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गुजरात के इस शहर में बन रहा है उमिया माताजी का भव्य मंदिर; 300 खंभों पर बनेगा गर्भगृह

Shri Umiya Mataji Grand Temple Built in Gujarat: भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भरतपुर से 1 से 10 टन वजन के 15,000 गुलाबी पत्थर राजकोट लाए जाएंगे।

Edited By : Pooja Mishra | Updated: Dec 10, 2024 13:06
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Shri Umiya Mataji Grand Temple Built in Gujarat

Shri Umiya Mataji Grand Temple Built in Gujarat: गुजरात लगातार विकास की ओर बढ़ रहा है, इसी के साथ राज्य में तेजी से तीर्थ स्थलों का विकास किया जा रहा है। इसके अलावा राज्य में बड़े लेवल पर भव्य मंदिरों निर्माण किया जा रहा है। इसी के तहत राजकोट में उमिया माताजी का भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। इस मंदिर के गर्भगृह में उमियाजी की 51 इंच की दिव्य मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के साथ शास्त्रोक्त विधि-विधान से स्थापित की जाएगी, इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है।

मां उमियाजी का ये भव्य मंदिर का निर्माण राजकोट में दूसरी रिंग रोड पर जसवन्तपुरा गांव के पास हो रहा है। मां उमियाजी मंदिर के निर्माण के काम की शुरुआत खतमुहूर्त में 13 दिसंबर को होगी, इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल भी मौजूद रहेंगे। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शहर में रहने वाले कटु पाटीदार परिवारों में तैयारियां शुरू हो गई हैं।

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भरतपुर से आएंगे गुलाबी पत्थर

भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भरतपुर से 1 से 10 टन वजन के 15,000 गुलाबी पत्थर राजकोट लाए जाएंगे। इन पत्थरों से कंडारी मंदिर को आकार दिया जाएगा। इसके अलावा श्री उमिया माताजी संस्थान की ओर से होने वाले इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए एक भक्त ने बताया कि मंदिर का निर्माण विशेष पौराणिक तकनीक पर आधारित नागर शैली में किया जा रहा है। गर्भ गृह 300 खंभों पर बनाया जाएगा। 1000 साल तक टिकने वाले इस मंदिर का निर्माण सोमपुरा मूर्तिकार करेंगे। 130 फीट चौड़े और 170 फीट लंबे मंदिर की ऊंचाई 71 मीटर होगी।

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200 फीट की दूरी से भी होंगे दर्शन

गर्भगृह और उसके सामने दो सभा कक्ष नागर शैली में बनाए जाएंगे, जहां माताजी के भक्त 200 फीट की दूरी से भी दर्शन कर सकेंगे। मंदिर में सीमेंट और लोहे का उपयोग नहीं होगा। गर्भगृह में उमियाजी की 51 इंच की दिव्य मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के साथ शास्त्रोक्त विधि-विधान से स्थापित की जाएगी। सभा मंडप को इस तरह आकार दिया जाएगा कि श्रद्धालु मंदिर के चारों ओर घूम सकें। शिवाजी और राधाकृष्ण के मंदिर भी बनाए जाएंगे।

मंदिर की एक विशेषता

  • 1 से 10 टन पत्थर की नक्काशी के साथ तैयार होकर राजकोट आएंगे
  • 6 से 7 तीव्रता के भूकंप के बावजूद भी मंदिर मजबूत रहेगा
  • मंदिर का निर्माण सीमेंट और लोहे के उपयोग के बिना केवल पत्थर की चिनाई से किया जाएगा
  • बारिश से गुलाबी पत्थर और भी चमकदार हो जाएगा और समय के साथ मंदिर और भी खूबसूरत दिखने लगेगा
  • भविष्य में खुले सभागार में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा सकते हैं।

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Edited By

Pooja Mishra

First published on: Dec 10, 2024 01:06 PM

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