मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने गांव स्तर से बाहर रहने वाले नागरिकों के हित में 3 महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। गुजरात के कई गांवों में कुछ परिवार गांव के केंद्र के बाहर या वाड़ी क्षेत्र में रहते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऐसे परिवारों को गांव स्तर से बाहर भी 24 घंटे अच्छी बिजली मिल सके, गांव स्तर से बाहर विभिन्न प्रयोजनों के लिए बिजली कनेक्शन देने की व्यापक नीति के नियमों में कुछ महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं।
ऊर्जा मंत्री कनु देसाई ने दी डिटेल
इन निर्णयों की जानकारी देते हुए ऊर्जा मंत्री कनु देसाई ने बताया कि गुजरात सरकार के मौजूदा नियमों के अनुसार, गांव स्तर से बाहर स्थित किसी भी आवासीय भवन में नए सिंगल फेज बिजली कनेक्शन के लिए, 03 किलोवाट (kW) इलेक्ट्रिकल लोड की सीमा के भीतर ही कृषि फीडर से बिजली कनेक्शन दिया जाता है। इसके लिए कुल वास्तविक लागत 01 लाख रुपये, जो भी कम हो, चुकाना होगा।
कैसे मिलेगा बिजली कनेक्शन?
राज्य सरकार द्वारा लिए गए एक नए निर्णय के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों से बाहर रहने वाले परिवारों को 06 किलोवाट (KW) तक का सिंगल फेज बिजली कनेक्शन मिल सकेगा। इस बिजली कनेक्शन के लिए उन्हें बिजली लोड यानी किलोवाट के आधार पर एक फिक्स्ड फीस देना होगा। राज्य सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय के बाद ग्राम स्तर से बाहर तथा कृषि क्षेत्र में रहने वाले किसान मात्र एक फिक्स्ड फीस देकर नए बिजली कनेक्शन प्राप्त कर सकेंगे।
नॉन-एजी फीडर से दिया बिजली कनेक्शन
इस संबंध में ऊर्जा मंत्री ने बताया कि ग्राम स्तर से बाहर एकांत घरों में बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए सबसे पहले कृषि के अलावा आवासीय प्रयोजनों के लिए उपयोग की जाने वाली भूमि तथा कृषि बिजली कनेक्शन विहीन भूमि (Uncultivated Land) पर स्थल का तकनीकी निरीक्षण किया जाएगा। जिसमें ग्राम स्तर से दूरी, विद्यमान कृषि कनेक्शन (Existing Agricultural Connection), बिजली लाइन क्रॉसिंग, सुरक्षा, बिजली चोरी जैसे अलग-अलग मानदंडों को ध्यान में रखते हुए, एप्लीकेशन सर्किल ऑफिस के सुप्रीटेंडिंग इंजीनियर की मंजूरी मिलने के बाद ऐसे आवासीय बिजली कनेक्शन को बिना किसी भार सीमा के नॉन-एजी फीडर से दिया जा सकेगा। ऐसे घरेलू बिजली कनेक्शनों के लिए बंच केबल का उपयोग किया जाएगा।
दूसरे फैसले में क्या कहा?
दूसरे निर्णय के संबंध में ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सार्वजनिक प्रयोजनों जैसे आश्रमशाला, आदर्श आवासीय विद्यालय, आदर्श छात्रावास, ग्राम स्तर से बाहर राज्य या केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली इकाइयों के लिए मांगे गए नए विद्युत कनेक्शनों के अलावा पोल्ट्री फार्म, अस्तबल, रजिस्टर्ड एनिमल शेड, झींगा फार्म, गौशाला, तंबाकू थ्रेसिंग फ्लोर, मोबाइल टावर, दुग्ध शीतलन संयंत्र (Milk Chilling Plant)
, आम पकाने जैसी अलग-अलग गतिविधियों के लिए मांगे गए नए बिजली कनेक्शनों के लिए वास्तविक लागत ली जा रही है। इसकी जगह पर अब से ऐसी इकाइयों को किलोवाट (केडब्ल्यू) के आधार पर केवल एक फिक्स्ड फीस देना होगा।
तीसरे फैसले में क्या कहा?
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, गांव स्तर से बाहर अनाज पीसने वाली चक्की का बिजली कनेक्शन भी ऐसी इकाइयों में शामिल किया गया है, जिससे गांव स्तर से बाहर अनाज पीसने वाली चक्की को बिजली कनेक्शन मिलने से गांव स्तर से बाहर रहने वाले लोगों को नजदीक में ही अनाज पीसने की सुविधा मिलेगी। तीसरे निर्णय के बारे में मंत्री ने बताया कि पहले ज्योतिग्राम फीडर से बिजली कनेक्शन तभी दिया जाता था जब गांव स्तर से बाहर गैर आदिवासी क्षेत्र में 15 घरों का समूह हो। नए निर्णय से अब 15 की जगह 10 घरों का समूह होने पर भी ज्योतिग्राम फीडर से बिजली कनेक्शन दिया जाएगा।
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