E-City Project In Gujarat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने नागरिकों की भलाई के लिए प्रौद्योगिकी पर आधारित कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। नरेंद्र मोदी ने डिजिटल परिवर्तन के जरिए राज्य में लागू अलग-अलग योजनाओं को त्वरित और कुशलता से नागरिकों तक पहुंचाकर सही अर्थों में “सुशासन” की शुरुआत की।
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए ”सुशासन” को बहुत प्रभावी ढंग से नागरिकों तक पहुंचा रहे हैं और उन्हें सही मायने में ‘सुशासन” का एहसास करा रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करते हुए राज्य में अधिकतम योजनाएं अब नागरिकों के लिए उनकी उंगलियों पर उपलब्ध हैं। “ईनगर” नामक महत्वपूर्ण डिजिटल योजना के साथ गुजरात आज ई-गवर्नेंस और डिजिटल सेवाओं में अग्रणी राज्य बन गया है।
ई-नगर डिजिटल प्लेटफॉर्म
शहर में रहने वाले नागरिकों के व्यस्त जीवन में त्वरित सेवाएं प्रदान करने वाला एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म “ई-नगर” एक सच्चा वरदान साबित हो रहा है। प्लेटफॉर्म मुख्य रूप से नागरिकों को 9 मॉड्यूल और लगभग 42 सेवाएं प्रदान करता है, जिसमें ऑनलाइन विवाह रजिस्ट्रेशन, संपत्ति कर, भवन निर्माण अनुमति, हॉल बुकिंग, व्यावसायिक कर, संपत्ति प्रबंधन, जल और सीवरेज सेवाएं, लाइसेंस, शिकायतें आदि शामिल हैं।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए नागरिकों को आसान, समय और धन की बचत, पारदर्शिता और कुशल सेवाएं मिलती हैं।
राज्य सरकार ने ई-गवर्नेंस और एम-गवर्नेंस के तहत सभी शहरी स्थानीय निकायों को एक मंच पर लाने के लिए ई-नगर परियोजना शुरू की है। यह केंद्रीकृत मंच अलग-अलग नगर निगमों और शहरी स्थानीय निकायों द्वारा नागरिकों के आवेदनों का उचित और समय पर समाधान प्रदान करता है।
राज्य सरकार के शहरी विकास और शहरी आवास विभाग ने ई-टाउन परियोजना के लिए गुजरात शहरी विकास मिशन को नोडल एजेंसी नियुक्त किया है। गुजरात शहरी विकास मिशन, गांधीनगर की सूची के अनुसार, राज्य की 159 नगर पालिकाओं और 8 नगर निगमों को ई-टाउन परियोजना में शामिल किया गया है, ताकि अधिक से अधिक शहरवासी राज्य सरकार की अलग-अलग योजनाओं का लाभ उठा सकें।
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