Janmashtami Festival Celebration 2024: जन्माष्टमी महामहोत्सव पर गुजरात के अहमदाबाद में मौजूद इस्कॉन मंदिर में औपचारिक रूप से उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन भगवान के गर्भगृह को देश-विदेश के अलग-अलग फूलों से सजाया जाएगा। थाईलैंड के 5 अलग-अलग रंग के ऑर्किड फूल, दक्षिण अफ्रीका के 3 अलग-अलग प्रकार के एंथुरियम फूल, कार्नेशन, डच रोज़, जिप्सी, सावंती, रजनीगंधा, डेज़ी आदि से 900 किलोग्राम फूलों का उपयोग किया जाएगा। इन फूलों के जरिए भगवान के गर्भगृह में मोर, चील, शंख, कमल, धनुष आदि बनाए जाएंगे।
इस साल जन्माष्टमी महामहोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं को दर्शन में आसानी हो, इसके लिए मंदिर में सुलभ व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही मंदिर परिसर में डिजिटल स्क्रीन के जरिए दर्शन की व्यवस्था की गई है। भावी भक्तों के लिए मंदिर प्रशासन ने मंदिर के फेसबुक और यूट्यूब पेज पर लाइव दर्शन की व्यवस्था की है, ताकि भक्त घर बैठे भगवान के दर्शन, आरती और महाभिषेक देख सकें। मंदिर परिसर में भीड़भाड़ न हो इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा। विजिटर के लिए पार्किंग की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। जन्माष्टमी के दिन सुबह 04:30 बजे भगवान की मंगला आरती होगी और फिर 07:30 बजे भगवान को वृन्दावन से लाए गए विशेष कपड़े और आभूषणों से सजाया जाएगा और श्रृंगार दर्शन खोले जाएंगे। फिर इस्कॉन मंदिर में वरिष्ठ भक्तों द्वारा कृष्ण कथा का पाठ किया जाएगा, जिसके बाद सुबह 09 बजे से दोपहर 01 बजे तक भक्तों द्वारा अखंड हरे कृष्ण महामंत्र का जाप किया जाएगा।
सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे
पूरे मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। शाम को इस्कॉन मंदिर के भक्त प्रहलाद स्कूल के छात्रों द्वारा मंदिर के पीछे बगीचे में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा। भगवान के वृन्दावन की मुख्य हरियाली को 3डी कट-आउट के माध्यम से दर्शाया जाएगा, रात 11:30 बजे पंचामृत, केसर, गंगा जल और अलग-अलग फलों के रस से भगवान का महाअभिषेक होगा और उसके बाद 12:30 बजे महाआरती होगी। इस दिन भगवान को मैक्सिकन, इटालियन, थाई, चाइनीज और भारतीय जैसे 600 से ज्यादा अलग-अलग व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। श्रद्धालु पूरे कार्यक्रम को इस्कॉन मंदिर के फेसबुक और यूट्यूब पेज पर ऑनलाइन देख सकते हैं। जन्माष्टमी के दिन सभी तीर्थयात्रियों को प्रसाद बांटा जाएगा।
जन्माष्टमी के दूसरे दिन यानी नंदोत्सव के दिन मंदिर प्रशासन ने 10,000 लोगों के लिए भंडारा और प्रसाद का आयोजन किया है। इसके साथ ही इस्कॉन के संस्थापक प्राचार्य श्री श्रीमद ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपादजी का 127वां आगमन दिवस भी मनाया जाएगा और दोपहर 12 बजे सभी भक्तों के लिए प्रसाद भोजन की व्यवस्था की गई है।
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