प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई को गुजरात के कच्छ जिले में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के अंत का मिशन है और पाकिस्तान को अब अपनी हरकतों की भारी कीमत चुकानी पड़ी है। अपने पुराने जुड़ाव और भावनात्मक संबंधों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कच्छ के विकास को रेगिस्तान से ऊर्जा और समृद्धि के केंद्र में बदलने वाली यात्रा बताया। उन्होंने यहां 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
रेगिस्तान से ग्रीन एनर्जी हब तक की कहानी
प्रधानमंत्री ने कहा कि कच्छ, दुनिया का सबसे बड़ा हरित ऊर्जा केंद्र बन रहा है। खावड़ा में बन रहे सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट और कांडला में ग्रीन हाइड्रोजन के कारखाने भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “रेगिस्तान कभी अभिशाप माना जाता था, लेकिन अब वही देश को रोशन करने वाला क्षेत्र बन गया है।”
भारत की समुद्री ताकत और बंदरगाह विकास पर जोर
बता दें कि उन्होंने कच्छ के बंदरगाहों को भारत की आर्थिक रीढ़ बताते हुए कहा कि देश का एक-तिहाई समुद्री व्यापार अकेले कच्छ के पोर्ट्स से होता है। कांडला पोर्ट और मुंद्रा पोर्ट की कैपेसिटी को दोगुना करने और शिप बिल्डिंग को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की गई।
कच्छ की कला और संस्कृति को मिला अंतरराष्ट्रीय पहचान
प्रधानमंत्री ने अजरक प्रिंटिंग, भुजोड़ी, कच्छी कढ़ाई और अन्य हस्तकला उत्पादों को GI टैग मिलने पर गर्व जताया। ये भी कहा कि ये स्थानीय कारीगरों को वैश्विक बाजारों तक पहुंच दिलाएंगे। उन्होंने भुज के स्मृति वन संग्रहालय को यूनेस्को द्वारा विश्व का सबसे सुंदर संग्रहालय बताए जाने पर भी संतोष जताया।
कृषि से लेकर टूरिज्म तक, हर क्षेत्र में परिवर्तन
प्रधानमंत्री ने कहा कि नर्मदा नहर परियोजना ने कच्छ को जल संकट से उबारा है और अब यहां आम, अनार, ड्रैगन फ्रूट जैसे फल वैश्विक बाजारों तक पहुंच रहे हैं। उन्होंने रण उत्सव, धोरडो गांव और मांडवी बीच को पर्यटन केंद्र के रूप में उभारने की दिशा में योजनाएं साझा कीं।
प्रधानमंत्री कार्यकाल के 11 साल बाद
प्रधानमंत्री ने बताया कि 26 मई 2014 को उन्होंने देश के प्रधानसेवक के रूप में शपथ ली थी और अब देश चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि आपके आशीर्वाद से मैं 11 साल बाद भी उसी ऊर्जा से देश की सेवा में लगा हूं।
पाकिस्तान को मिला सटीक जवाब
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कहा कि भारत की नीति आतंकवाद के प्रति “जीरो टॉलरेंस” की है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान को चेतावनी देने के बाद जब वह नहीं माना, तो सेना को खुली छूट दी गई और सटीकता से आतंकियों के अड्डों पर हमला किया गया।
पीएम हाउस में लगाया जाएगा सिंदूर वृक्ष का पौधा
उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान में सैकड़ों किलोमीटर भीतर घुसकर टारगेट पर हमला किया, बगैर किसी collateral damage के। पाकिस्तान का पूरा सैन्य तंत्र हिल गया। अंततः उसे सफेद झंडा फहराकर शांति की भीख मांगनी पड़ी। प्रधानमंत्री ने 1971 के युद्ध की वीरांगनाओं का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि भुज की माताओं ने आज भी मुझे आशीर्वाद देकर सिंदूर वृक्ष का पौधा दिया है, जो अब पीएम हाउस में लगाया जाएगा।
पाकिस्तान की जनता से सीधा सवाल
मोदी ने पाकिस्तान की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आपकी सरकार और सेना ने आतंकवाद को अपनी रोज़ी-रोटी बना लिया है। सवाल यह है कि पाकिस्तान का युवा कब जागेगा? पीएम का यह भाषण केवल एक विकास परियोजनाओं की घोषणा नहीं थी, बल्कि यह भारत की बदलती रणनीतिक सोच और आत्मविश्वास का भी परिचायक था। कच्छ जैसे सीमावर्ती जिले से दिए गए इस संदेश के माध्यम से प्रधानमंत्री ने आतंकवाद और पाकिस्तान के प्रति भारत के रुख को पूरी दृढ़ता से दुनिया के सामने रखा।