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इंग्लिश नौकरी के अवसरों में बाधा न बने इसके लिए दिल्ली सरकार ने शुरू किया फ्री इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स- आतिशी

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा एजुकेशन स्टैंडिंग कमिटी की चेयरपर्सन व कालकाजी विधायक आतिशी गुरुवार को नज फाउंडेशन द्वारा इंडियन हैबिटेट सेंटर में आयोजित ‘चर्चा: लाइवलीहुड समिट- 2022’ में शामिल हुई और ‘दिल्ली में स्किल और एंत्रप्रेन्योरशिप का बदलता स्वरुप’ विषय पर अपने विचार साझा किए| इस मौके पर आतिशी ने कहा कि आज पूरा का […]

Edited By : Siddharth Sharma | Updated: Aug 5, 2022 14:42
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अतिशी
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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा एजुकेशन स्टैंडिंग कमिटी की चेयरपर्सन व कालकाजी विधायक आतिशी गुरुवार को नज फाउंडेशन द्वारा इंडियन हैबिटेट सेंटर में आयोजित ‘चर्चा: लाइवलीहुड समिट- 2022’ में शामिल हुई और ‘दिल्ली में स्किल और एंत्रप्रेन्योरशिप का बदलता स्वरुप’ विषय पर अपने विचार साझा किए|

इस मौके पर आतिशी ने कहा कि आज पूरा का पूरा एजुकेशन सिस्टम बच्चों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद सिर्फ एक अच्छी नौकरी ढूंढ़ने के लिए तैयार करता है।ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि यदि हमारा सिस्टम सिर्फ हमारे बच्चों को नौकरी ढूंढ़ना ही सिखाएगा तो देश की आर्थिक व्यवस्था कैसे दुरुस्त होगी और देश कैसे प्रगति करेगा।

 

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उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में हमने इस सवाल का जबाव एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम व बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के जरिये ढूंढ निकाला है| इन दोनों के माध्यम से हम दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माइंडसेट को बदलते हुए उनमें ग्रोथ माइंडसेट डेवलप करने का प्रयास किया है ताकि जब वे पढाई पूरी करके बाहर आए तो नौकरी पाने के लिए लम्बी लाइनों में न लगे बल्कि नौकरी देने वाले बने|

आतिशी ने बताया कि बिज़नेस ब्लास्टर प्रोग्राम विश्व के सबसे बड़े स्टूडेंट्स स्टार्ट-अप्स प्रोग्राम में से एक है जहां के तहत दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों में कक्षा 11वीं-12वीं में पढ़ने वाले लगभग 3 लाख बच्चों को अपना बिज़नेस आईडिया डेवलप करने, अपना मिनी स्टार्ट-अप खोलने के लिए प्रत्येक छात्र 2000-2000 रूपये की सीड मनी दी|

इसके तहत 60 करोड़ रूपये की सीड मनी के साथ दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों ने 51,000 से ज्यादा बिज़नेस आइडियाज तैयार किए और कई राउंड के बाद बिज़नेस ब्लास्टर्स एक्सपो एंड समिट के लिए 126 टीमों का चयन किया गया| जहां दिल्ली सरकार के स्कूलों के इन नन्हे बिज़नेस स्टार्स के स्टार्ट-अप आइडियाज़ की प्रदर्शनी लगाई गई और इसे देशभर से आए उद्योगपतियों, जाने-माने एंत्रप्रेन्योरर्स ने न केवल देखा बल्कि इन आइडियाज के लिए 15 करोड़ रूपये से अधिक का इनवेस्टमेंट ऑफर भी दिया| उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम के जरिए बच्चों ने न केवल बिज़नेस के हुनर सीखें बल्कि इससे उनका आत्मविश्वास, निर्णय लेने की क्षमता, रिस्क लेने की क्षमता भी बढ़ी।

आतिशी ने आगे कहा कि आज स्किल गैप देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती है और स्किल की कमी होने के कारण देश में बड़ी संख्या में युवा शिक्षित होने के बावजूद बेरोजगार है क्योंकि हमने उन्हें मार्केट जे जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्किल्स नहीं दिए। आज आवश्यकता है कि हम मार्केट की जरूरत को ध्यान में रखते हुए अपने बच्चों को 21वीं सदी के कौशलों से लैस करे, हमारे शैक्षिक संस्थान उनके लिए ऐसे कोर्स डिज़ाइन करें जिसके माध्यम से स्किल हासिल कर युवा वर्तमान की मार्केट की मांग को पूरा कर सकें|

इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली स्किल एंड यूनिवर्सिटी की शुरुआत की| इस यूनिवर्सिटी के माध्यम से सरकार दिल्ली के युवाओं को 21वीं सदी के कौशलों से लैस कर रही है व उन्हें आने वाले समय के रोजगारों के लिए तैयार कर रही है| इस यूनिवर्सिटी में कोर्सेज को मार्किट की जरूरत को ध्यान में रखकर बनाया गया है जहाँ बच्चें अपना 50 % समय इंडस्ट्री के लोगों के साथ काम करते हुए बिताते है और उनसे बिज़नेस के हुनर और इंडस्ट्री की सभी जरूरी स्किल्स सीखते है।

उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार की इस यूनिवर्सिटी ने एक और बेहद अनूठा प्रोग्राम ‘डीएसईयू लाइटहाउस’ शुरू किया है, जहाँ यूनिवर्सिटी खुद बच्चों तक पहुंचकर उन्हें एडमिशन दे रही है| ‘डीएसईयू लाइटहाउस’ के इस महत्वाकांक्षी प्रोग्राम के माध्यम से दिल्ली सरकार का उद्देश्य अपने स्किल सेंटर्स को निम्न-आय वर्ग व स्लम क्लस्टर्स तक पहुंचाकर वहां के युवाओं की अपस्किलिंग कर उन्हें सशक्त बनाना है| इसके तहत सरकार द्वारा दिल्ली में कई जगहों पर लाइटहाउस सेंटर्स की शुरुआत की गई है और बड़ी संख्या में युवा यहां से विभिन्न सेक्टर्स से जुड़े स्किल प्राप्त कर रहे है|

आतिशी ने कहा कि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलने के बावजुद उन्हें इंडस्ट्री में अच्छी नौकरियाँ व अवसर नहीं मिलते क्योंकि उनकी इंग्लिश कम्युनिकेशन स्किल बहुत अच्छी नहीं होती है| ऐसे में दिल्ली में हर तबके के बच्चे बिना रुके फर्राटेदार इंग्लिश बोल सके और उनके लिए नौकरी के अवसरों में बाधा न आए इसके लिए दिल्ली सरकार ने 16-35 वर्ष आयुवर्ग के युवाओं के लिए फ्री इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स की शुरुआत की है|

 

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आतिशी ने कहा कि अपने इन विभिन्न प्रोग्राम्स के माध्यम से दिल्ली सरकार ने स्किल और एंत्रप्रेन्योरशिप को अब आम जनमानस की शब्दावली में शामिल कर दिया है| सरकार ने पूरी दिल्ली में स्किल और एंत्रप्रेन्योरशिप को लेकर सकारात्मक माहौल तैयार किया है| जिसकी मदद से हम नौकरी की लाइन में लगने वाले युवाओं के बजाय नौकरी देने वाले युवा तैयार करेंगे जो देश की तरक्की में अपना योगदान देंगे|

 

 

 

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Written By

Siddharth Sharma

First published on: Aug 05, 2022 11:45 AM

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