नई दिल्ली: शिवसेना के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 16 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने संजय राउत को पात्रा चॉल भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। ईडी अधिकारियों का कहना है कि संजय राउत जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और इसी वजह से उन्हें गिरफ्तार किया है। ईडी आज उन्हें विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश कर उनकी रिमांड मांगेगी।
उधर संजय राउत के भाई सुनील राउत ने कहा कि ईडी संजय राउत से डरती है, इसलिए गिरफ्तार कर लिया है। फर्जी दस्तावेज के सहारे संजय राउत को पात्रा चॉल से जोड़ने की कोशिश हो रही है।
बताया जा रहा है कि संजय राउत के घर से ईडी को 11.5 लाख रुपए मिले हैं। संजय राउत से ईडी उन पैसों की जानकारी मांग रही है कि आखिर ये पैसे किसके है और कहां से आए हैं? ईडी के एक बड़े अधिकारी ने बताया की इन पैसों से जुड़े सवाल का जवाब नहीं दे पाए थे। इसके अलावा संजय राउत के घर से कई अहम दस्तावेज भी जब्त किया गया है, जो कि पात्रा चॉल जुड़े है। इन सभी दस्तावेजो और नगदी को लेकर ईडी की टीम ईडी दफ्तर पहुंची थी।
क्या है पात्रा चॉल केस
पात्रा चॉल घोटाला मुंबई के उपनगरीय इलाके गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर का है। यह इलाका पात्रा चॉल के नाम से लोकप्रिय है। यह 47 एकड़ में फैला है, जिसमें कुल 672 घर हैं। इसी पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना में धांधली के मामले की जांच अब ईडी के हाथों में है। पुनर्वास का ठेका गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (GACPL) को दे दिया था। लेकिन, 14 साल बाद भी लोगों को घर नहीं मिला है।