RGCON 2024: भारत में सिर और गर्दन कैंसर के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। अभी इस तरह के कैंसर के मामले 30% हैं। अनुमान के मुताबिक वर्ष 2040 तक इनमें 50% की वृद्धि संभव है। पीड़ितों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है। बस रोकथाम के उपाय बेहद जरूरी हैं, इसमें बीमारी का शीघ्र पता चलना महत्वपूर्ण है, क्योंकि शुरुआती चरण में पता चलने पर कैंसर के 80% मामले ठीक हो सकते हैं। यह कहना है राजीव गांधी कैंसर संस्थान एवं रिसर्च केंद्र (आरजीसीआईआरसी) के चेयरमैन राकेश चोपड़ा का। जो आज (हैड एंड नेक कैंसर: ब्रिजिंग द गैप फ्रॉम क्योर टू सर्वाइवरशिप) विषय पर आयोजित ‘आरजीकॉन’ के 22वें संस्करण ‘आरजीकॉन2024’ में बोल रहे थे।
राकेश चोपड़ा ने कहा कि भारत के मजदूरों में 60% लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं, सबसे बड़ा खतरा इसी वर्ग पर है। आरजीसीआईआरसी के सीईओ डी. एस. नेगी ने कहा कि एआई एल्गोरिदम बहुत जल्द कैंसर के पैटर्न की पहचान कर लेता है। इस नवाचार से बीमारी के शीघ्र पता चलने और मरीज के स्वस्थ होने की संभावना रहती है। आरजीकॉन 2024 में दुनियाभर से 250 फैकल्टी और 1000 डेलीगेट ने भाग लिया।
आरजीसीआईआरसी में ऑन्कोलॉजी सर्विसेज के मेडिकल डायरेक्टर और जेनिटो यूरो के चीफ डॉ. (प्रो.) सुधीर कुमार रावल ने शोध और नवाचार को बढ़ावा देने में इस तरह के सम्मेलन की भूमिका को रेखांकित किया।
राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के प्रो. अलोक ठक्कर ने कैंसर के क्षेत्र में आरजीसीआईआरसी के योगदान की सराहना करते हुए उसे आशा की किरण बताया।
आरजीसीआईआरसी में हैड एंड नेक ऑन्कोलॉजी के यूनिट हैड एवं सीनियर कंसलटेंट डॉ. मुदित अग्रवाल ने सम्मेलन में शामिल होने वाले डाक्टरों का आभार व्यक्त किया। आरजीसीआईआरसी में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉ ए. के. दीवान ने कहा, “यह गरीबों की बीमारी है, जिसके मुख्य कारण तम्बाकू का सेवन और धूम्रपान है। भारत में कैंसर के हर साल लगभग 15 लाख नये मामले सामने आते हैं। साल 2022 में आरजीसीआईआरसी में लगभग 3000 मामले आये थे, इनमें से 30% से भी कम मरीजों की सर्जरी हुई।
आरजीकॉन 2024 में प्रोटॉन थेरेपी और ब्रैकीथेरेपी जैसे उपचार के उन्नत तौर-तरीके के साथ-साथ सिर और गर्दन के कैंसर की देखभाल में एआई का उपयोग जैसे कुछ प्रमुख सत्र देखने को मिले। इसके अलावा भारतीय सर्जिकल रोबोट, एसएसआई मंत्रा जैसे उल्लेखनीय नवाचार प्रदर्शित किए गये।
आरजीकॉन 2024 की आयोजक टीम में डॉ. मुदित अग्रवाल के साथ यूनिट हैड एवं सीनियर कंसलटेंट, हैड एंड नैक ऑन्कोलॉजी, डॉ. मुनीश गैरोला, डायरेक्टर, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, डॉ. सुमित गोयल, एसोसिएट डायरेक्टर, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, डॉ. रजत साहा, सीनियर कंसलटेंट, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, डॉ. सुनील पसरीचा, सीनियर कंसलटेंट पैथोलॉजी और डॉ. विकास अरोड़ा, कंसलटेंट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी शामिल थे।