समाजवादी पार्टी के नेता रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा पर दिए गए बयान पर जमकर बवाल हो रहा है। इस मामले पर जहां सपा पर लोग हमला बोल रहे हैं, वहीं अखिलेश यादव अपने सांसद का बचाव करते दिखे। सोमवार को जब संसद परिसर में रामजी लाल से उनके बयान के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे वापस लेने से इनकार कर दिया।
न्यूज24 से बातचीत में रामजी लाल सुमन ने कहा, “मैंने जो कहा, उसके कई प्रमाण हैं। इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा ने बाबर को आमंत्रित किया था। हो सकता है कि उन्होंने किसी रणनीति के तहत ऐसा किया हो। जो ऐतिहासिक प्रमाण हैं, मैंने उन्हीं के आधार पर बात कही थी।”
रामजी लाल सुमन ने यह भी कहा कि मेरा मकसद किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था। ‘अगर वे बाबर की औलाद हैं, तो आप राणा सांगा को गद्दार की औलाद कह रहे हैं’—इस बयान के बारे में जब रामजी लाल सुमन से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि सदन में परंपरा है कि यदि सभापति और पीठासीन अधिकारी यह समझते हैं कि कोई बात आपत्तिजनक है, तो उसे सदन की कार्यवाही से हटा देना चाहिए। रामजी लाल सुमन ने बयान वापस लेने से इनकार कर दिया।
यह भी पढ़ें : एक कमरा, 23 लड़कियां, 3 नाबालिग…दिल्ली के पहाड़गंज में पुलिस रेड की इनसाइड स्टोरी
रामजी लाल सुमन के बयान पर राजस्थान के सिरोही में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन का पुतला दहन भी किया। एबीवीपी के जिला संयोजक छतर सिंह देवड़ा ने कहा कि महाराणा सांगा राष्ट्र के स्वाभिमान का प्रतीक हैं। शरीर पर 80 घाव होने के बावजूद वे 100 से अधिक युद्धों में विजयी रहे। उन्होंने भारत को एकजुट कर मुगलों और लोधी वंश को पराजित किया था।