Delhi Old Rajinder Nagar Coaching Centre Incident : दिल्ली आईएएस कोचिंग हादसे मामले में दिल्ली पुलिस और एमसीडी एक्शन मोड पर है। जहां दिल्ली पुलिस ने एक कार ड्राइवर को गिरफ्तार किया तो वहीं एमसीडी ने 19 कोचिंग सेंटर सील कर दिए। दिल्ली पुलिस ने अदालत में ड्राइवर मनुज कथूरिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वह मस्तीखोर है, जिसकी वजह से यह दुर्घटना हुई। आरोपी के वकील ने दिल्ली पुलिस की दलील पर कहा कि जलभराव के लिए नगर निगम के अधिकारी जिम्मेदार हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। कार ड्राइवर का एक वीडियो भी सामने आया है।
घटना के दौरान का सामने आया वीडियो
आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी घुसने के दौरान का एक वीडियो सामने आया है। कोचिंग सेंटर के बाहर पहले से जलभराव था, जिसमें से एक गाड़ी स्पीड से निकली। इसके बाद पानी ओवरफ्लो होकर कोचिंग सेंटर के अंदर घुसने लगा और इसका प्रेशर इतना ज्यादा था कि सेंटर का गेट भी टूट गया। दिल्ली पुलिस ने इस वीडियो के आधार गाड़ी ड्राइवर को गिरफ्तार किया।
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10 लाख रुपए की कीमत लगाई है UPSC स्टूडेंट्स की।
एक स्टूडेंट की जान 10 लाख की होती है ?युवा श्रेया यादव, नेविन डालविन और तान्या सोनी IAS ऑफिसर बनने के लिए दिल्ली आए थे।😭😭
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जानें दिल्ली पुलिस ने अदालत में क्या दी दलील?
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में मंगलवार को कार ड्राइवर मनुज कथूरिया की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। दिल्ली पुलिस ने अदालत में अपनी दलील रखते हुए कहा कि अगर कहीं जलभराव हो तो गाड़ियों की स्पीड कम कर ली जाती है, लेकिन आरोपी ने कोचिंग सेंटर के सामने भरे पानी में ऐसा नहीं किया। उसने गाड़ी की ब्रेक नहीं मारी। उन्होंने वीडियो दिखाते हुए कहा कि गाड़ी की वजह से लहरें उठने लगीं और बेसमेंट के अंदर पानी घुस गया। अगर वह रुक जाता तो शायद यह हादसा नहीं होता।
#WATCH | Delhi: On Old Rajinder Nagar coaching centre incident, accused Manuj Kathuria’s counsel Rakesh Malhotra says, “The negligence is firstly of the person operating a library in that basement. Our second argument was that if there was waterlogging, then the civic authorities… pic.twitter.com/RIPDie9aZH
— ANI (@ANI) July 30, 2024
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आरोपी के वकील ने जताया विरोध
आरोपी मनुज कथूरिया के वकील राकेश मल्होत्रा ने दिल्ली पुलिस की दलील का विरोध जताया। उन्होंने कहा कि सबसे पहली लापरवाही उस बेसमेंट में लाइब्रेरी चलाने वाले व्यक्ति की है। उनका दूसरा तर्क यह था कि अगर जलभराव हुआ था तो उसके लिए नगर निगम के अधिकारी जिम्मेदार थे। अगर कोई व्यक्ति अपनी गाड़ी से किसी इलाके से गुजर रहा है और किसी इमारत में कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना घट जाती है तो इसके लिए वह जिम्मेदार नहीं है। इस मामले में सही दोषियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए, ताकि मृतकों के परिजनों को न्याय मिल सके।