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दिल्ली NCR में दिवाली पर पटाखों से हट सकता है बैन, सरकार के सुझाव पर सुप्रीम कोर्ट ने दिए ये संकेत

NCR News: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग से जुड़ी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी संकेत दिए कि कुछ शर्तों के साथ दीपावली पर ग्रीन पटाखों की अनुमति दी जा सकती है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : sachin ahlawat Updated: Oct 10, 2025 17:31
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ग्रीन पटाखें

NCR News: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग से जुड़ी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी संकेत दिए कि कुछ शर्तों के साथ दीपावली पर ग्रीन पटाखों की अनुमति दी जा सकती है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ग्रीन पटाखों के कम उपयोग की सिफारिश करते हुए सुझाव दिया कि केवल वे ग्रीन पटाखे ही बेचे जाएं, जो नेशनल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) और पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन (PESO) से प्रमाणित हों. इसके अलावा लड़ी वाले पटाखों की बिक्री, निर्माण और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध बनाए रखा जाए.

8 से 10 बजे के बीच ही मिले ग्रीन पटाखों को जलाने की अनुमति

दिल्ली सरकार की ओर से सुझाव दिया गया कि पटाखों पर संतुलित दृष्टिकोण अपनाया जाए, ताकि परंपराएं भी बनी रहें और पर्यावरण की रक्षा भी हो सके. उन्होंने प्रस्ताव रखा कि दीपावली, गुरुपर्व और क्रिसमस जैसे खास अवसरों पर केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखों के सीमित उपयोग की इजाजत दी जाए. इसके अलावा केवल निर्धारित समय दीपावली की रात 8 से 10 बजे के बीच ही ग्रीन पटाखों को जलाने की अनुमति देने की बात कही गई. सुझाव दिया गया कि PESO और NEERI पटाखों के उत्पादन स्थलों की नियमित जांच की जाए, ताकि केवल सही फॉर्मूले वाले ग्रीन पटाखों का निर्माण हो सके.

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त्योहारों पर बच्चों को मिलना चाहिए खुश होने का अवसर

मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने सवाल किया कि साल 2018 में पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद क्या एनसीआर की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में कोई गिरावट आई है. जिस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब देते हुए कहा कि AQI में विशेष सुधार नहीं हुआ, केवल कोविड काल में थोड़ी हवा साफ हुई थी, वो भी अन्य कारणों से. कुछ वकीलों ने तर्क दिया कि केवल पटाखों को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है, जब पराली जलाना और वाहन प्रदूषण जैसे अन्य कारक भी हवा को खराब कर रहे हैं. इस दौरान पटाखा निर्माताओं की ओर से वकील की ओर से बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में सिर्फ ग्रीन पटाखों की अनुमति की बात कही थी, लेकिन इसके बाद संपूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया गया. जस्टिस चंद्रन ने कहा कि अभी तक केवल 49 उत्पादकों को NEERI और PESO से प्रमाणन मिला है. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि सरकार का प्रस्ताव भी केवल इन 49 प्रमाणित निर्माताओं को ही अनुमति देने का है. उन्होंने यह भी कहा कि त्योहारों पर बच्चों को खुश होने का अवसर मिलना चाहिए.

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First published on: Oct 10, 2025 05:06 PM

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