Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस मौके पर आगामी निकाय चुनाव, विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मुद्दे पर मंथन हुआ। तय किया गया कि शिवसेना और भाजपा महाराष्ट्र में मिलकर चुनाव लड़ेगी। शाह-शिंदे और फडणवीस की मुलाकात पर उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने निशाना साधा है।
पहले जानें, किन मुद्दों पर शाह-शिंदे के बीच हुई बात
गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर कहा, ‘हमने तय किया है कि शिवसेना और बीजेपी लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनाव सहित आगामी सभी चुनाव मिलकर लड़ेंगी।’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कल दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर कहा, 'हमने तय किया है कि शिवसेना और बीजेपी लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनाव सहित आगामी सभी चुनाव मिलकर… pic.twitter.com/is1v7boTTU
---विज्ञापन---— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 5, 2023
महाराष्ट्र के विकास के लिए हमारा गठबंधन मजबूत
सीएम शिंदे ने कहा, ‘हमने कृषि, सहकारिता विभाग से जुड़े विभिन्न मामलों पर चर्चा की। राज्य में किसान और महिला सशक्तिकरण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम चल रहा है और कई रुके हुए प्रोजेक्ट पूरे हुए हैं। प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का हमेशा मार्गदर्शन मिलता रहा है। महाराष्ट्र के विकास के लिए हमारा गठबंधन मजबूत है और पिछले 11 महीनों से हमने विकास के कई फैसले लिए हैं और उन्हें लागू किया है, रुकी हुई परियोजनाओं को मंजूरी दी है। भविष्य में हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे और बहुमत से जीत कर महाराष्ट्र को देश में सभी क्षेत्रों में नंबर एक राज्य बनाएंगे, विकास की दौड़ जारी रखेंगे।’
हम कभी किसी के आगे नहीं झुके
शाह-शिंदे की मुलाकात पर संजय राउत ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले महाराष्ट्र में आलाकमान मुंबई में था लेकिन अब शिंदे का आलाकमान दिल्ली में है। वे बाला साहेब का नाम लेते हैं और शिवसेना की बात करते हैं लेकिन दिल्ली में ‘मुजरा’ करते हैं। असली शिवसेना दिल्ली में कभी किसी के आगे नहीं झुकी। हमने दिल्ली की कभी गुलामी नहीं की। अगर आपको अपने कैबिनेट का विस्तार करना है तो यहां बैठकर करो। एक साल हो गया लेकिन कैबिनेट विस्तार नहीं हुआ, इससे पता चलता है कि यह सरकार जा रही है।
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