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Delhi Ordinance Row: दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस का समर्थन, कही ये बड़ी बात

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के अध्यादेश पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर ने दिल्ली सरकार को समर्थन दिया है। अपने एक लेख में उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा अपनाई गई नीतियों, खासकर लिए गए फैसलों को गलत ठहराया है। अपने लेख में पूर्व जस्टिस ने कहा कि दिल्ली अध्यादेश मुख्य रूप से दिल्ली […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Jul 5, 2023 19:47
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फाइल फोटो

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के अध्यादेश पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर ने दिल्ली सरकार को समर्थन दिया है। अपने एक लेख में उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा अपनाई गई नीतियों, खासकर लिए गए फैसलों को गलत ठहराया है। अपने लेख में पूर्व जस्टिस ने कहा कि दिल्ली अध्यादेश मुख्य रूप से दिल्ली की आप सरकार को नियंत्रित करने के लिए लाया गया था।

अरविंद केजरीवाल ने विरोध जताया

आगे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने अपने लेख में कहा कि आप संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पहले ही बड़े स्तर पर इस मसले पर अपना विरोध जता चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने अपने लेख में स्पष्ट किया है कि किस तरह दिल्ली की आप सरकार केंद्र के मनमाने विधेयक से लड़ रही है।

दिल्ली प्रशासन के स्वरूप को बदलने वाला

पूर्व जज ने कहा कि दिल्ली अध्यादेश का उद्देश्य दिल्ली के लोगों पर दबाव डालना है। इसी लिए केंद्र सरकार इस बिल को लेकर आई है। पूर्व जज ने आगे कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार संशोधन अध्यादेश 2023 दिल्ली में प्रशासन के स्वरूप को बदलने वाला है।

वैधता का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय करेगा

पूर्व  जस्टिस ने कहा कि यह संविधान की भावनाओं के अनुरूप नहीं है। अध्यादेश की संवैधानिक वैधता का निर्णय तो सर्वोच्च न्यायालय मामला सामने आने के बाद करेगी। उन्होंने आगे कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह 1991 से दिल्ली में प्रचलित प्रशासन के स्वरूप को पलट देगा। बता दें इससे पहले केंद्र के अध्यादेश (ट्रांसफर पोस्टिंग संबंधी) पर वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन भी दिल्ली सरकार को समर्थन दे चुके हैं।

First published on: Jul 05, 2023 07:47 PM

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