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दिल्ली

ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म Parimatch के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई, 1200 क्रेडिट कार्ड और 110 करोड़ रुपये फ्रीज

ईडी मुंबई की टीम ने 12 अगस्त 2025 को गैरकानूनी ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म Parimatch के खिलाफ देशभर में 17 जगहों पर छापेमारी की है। अपनी पहचान बनाने के लिए इस कंपनी ने भारत में स्पोर्ट्स टूर्नामेंट स्पॉन्सर करने के साथ ही कई मशहूर सेलिब्रिटीज के साथ पार्टनरशिप भी की। क्या है पूरा मामला, पढ़ें विमल कौशिक की रिपोर्ट...

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Deepti Sharma Updated: Aug 14, 2025 15:47

प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मुंबई जोनल ऑफिस ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA), 2002 के तहत मुंबई, दिल्ली, नोएडा, मदुरै, कानपुर, जयपुर, सूरत और हैदराबाद में 17 जगहों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई साइप्रस स्थित अवैध ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म Parimatch के मामले की जांच के तहत की गई। इस दौरान लगभग 110 करोड़ रुपये की रकम, जो अलग-अलग लोगों या कंपनियों के बैंक खातों में थी और जिन्हें “म्यूल अकाउंट” (दूसरों के पैसे रखने और घूमाने के लिए बनाए गए खाते) के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था, फ्रीज कर दी गई। इसके साथ ही कई अहम दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए।

1 साल में कमाए 3000 करोड़ रुपये

ED ने यह जांच साइबर पुलिस स्टेशन, मुंबई द्वारा Parimatch.com के खिलाफ दर्ज FIR के आधार पर शुरू की थी। आरोप है कि यह प्लेटफॉर्म ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए यूजर्स को धोखा देकर भारी मुनाफा कमाता था। अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि उन्होंने लोगों को ऊंचे मुनाफे का लालच देकर 1 साल में 3000 करोड़ रुपये से ज़्यादा कमाए हैं। इसके अलावा जांच में यह भी सामने आया कि Parimatch ने पूरे देश में अलग-अलग तरीकों से पैसों को “म्यूल अकाउंट्स” के जरिए घुमाया गया।

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1200 से ज्यादा क्रेडिट कार्ड बरामद

तमिलनाडु में यूजर्स का पैसा म्यूल अकाउंट्स में जमा करवाकर नकद निकाला गया और हवाला ऑपरेटरों को दिया गया। हवाला वालों ने यह नकद यूके स्थित कंपनी के वर्चुअल वॉलेट में डलवाया, जिसे बाद में USDT क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया। पश्चिम भारत में, Parimatch ने घरेलू मनी ट्रांसफर एजेंटों की मदद ली। इन एजेंटों के म्यूल अकाउंट्स में जमा रकम को म्यूल क्रेडिट कार्ड से Parimatch एजेंटों तक भेजा जाता था। सिर्फ एक जगह से 1200 से ज्यादा ऐसे क्रेडिट कार्ड बरामद हुए।

इसके अलावा, कुछ पेमेंट कंपनियां जिनके पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस को आरबीआई ने रिजेक्ट कर दिया था। उन्होंने Parimatch को “टेक्नोलॉजी सर्विस प्रोवाइडर” बनकर अपनी सेवाएं दीं। इन कंपनियों ने Parimatch एजेंटों को API दिया, जिसके जरिए ई-कॉमर्स और पेमेंट सॉल्यूशन प्रोवाइडर कंपनियों के नाम पर म्यूल अकाउंट खोले गए। इन अकाउंट्स में UPI से पैसा जमा होता था, जिसे बाद में ई-कॉमर्स रिफंड, चार्जबैक, वेंडर पेमेंट जैसी झूठी एंट्रियों के जरिए इधर-उधर घूमाकर असली सोर्स और इस्तेमाल छुपा दिया जाता था।

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Parimatch ने भारत में पहचान बनाने के लिए बड़े लेवल पर मार्केटिंग की, खेल टूर्नामेंट को स्पॉन्सर किया और मशहूर हस्तियों के साथ साझेदारी की। उन्होंने “ParimatchSports” और “Parimatch News” नाम से भारतीय कंपनियां बनाकर अप्रत्यक्ष विज्ञापन चलाए। इन कंपनियों को पेमेंट विदेशी रेमिटेंस के जरिए किया गया।

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First published on: Aug 14, 2025 03:37 PM

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