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दिल्ली

दिल्ली में फिर महसूस किए गए भूकंप के झटके, घरों-दफ्तरों से बाहर निकले लोग

Earthquake: दिल्ली में एक बार फिर शुक्रवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 दर्ज की गई है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Jul 11, 2025 20:50
Earthquake
दिल्ली में महसूस किए गए भूकंप के झटके।

देश की राजधानी दिल्ली में लगातार दूसरे दिन भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। शुक्रवार शाम करीब 4.50 बजे दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इससे पहले गुरुवार को भी सुबह 9.05 बजे भूकंप के झटके 10 सेकंड तक महसूस किए गए थे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, हरियाणा के झज्जर में रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.7 दर्ज की गई। भूकंप झज्जर में 10 किलोमीटर की गहराई पर आया और इसका केंद्र हरियाणा का झज्जर था। लेकिन दिल्ली और आसपास के इलाकों में हल्के झटके महसूस किए गए।

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एक दिन पहले भी आया था भूकंप

इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार सुबह 9 बजकर 05 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस दौरान भूंकप की तीव्रता 4.4 मापी गई थी। भूकंप के झटके दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, रोहतक, गुरुग्राम, हिसार, सोनीपत तक झज्जर तक महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र हरियाणा के रोहतक में था।

इससे पहले 12 मई को बिहार और यूपी में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली का सिस्मिक जोन IV और हिमालय की निकटता इसे भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील बनाती है। तीव्रता के आधार पर भारत में करीब 4 सिस्मिक जोन हैं।

दिल्ली में क्यों आते हैं भूकंप?

दिल्ली-NCR सिस्मिक जोन IV में आता है, जो मध्यम से उच्च जोखिम वाला क्षेत्र है। यह हिमालय की टकराव क्षेत्र से सिर्फ 250 किलोमीटर दूर है, जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स टकराती हैं। इस टकराव से ऊर्जा जमा होती है, जो भूकंप के रूप में निकलती है। साथ ही दिल्ली के पास कई फॉल्ट लाइन्स (भ्रंश) हैं। इनमें दिल्ली-हरिद्वार रिज,
सोहना फॉल्ट, यमुना रिवर लाइनमेंट और महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट आते हैं। ये फॉल्ट लाइन्स दिल्ली को भूकंप के लिए संवेदनशील बनाती हैं। इसके अलावा, धौला कुआं जैसे क्षेत्र जहां झीलें हैं, हर 2-3 साल में छोटे भूकंप देखे जाते हैं।

बारिश के बीच भूकंप खतरनाक!

बारिश और भूकंप का एक साथ आना कई कारणों से खतरनाक हो सकता है। दिल्ली-NCR में मानसून के दौरान बारिश ने सड़कों, इमारतों और मिट्टी को पहले ही कमजोर कर रखा है। ऐसे में भूकंप के झटके इस स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं। दिल्ली-NCR में कई ऊंची इमारतें और पुराने ढांचे हैं, जैसे कनॉट प्लेस, ट्रांस-यमुना क्षेत्र और अनियोजित बस्तियां। ये भूकंप प्रतिरोधी नहीं हो सकतीं। बारिश से मिट्टी और नींव कमजोर होने पर इमारतों के ढहने का खतरा बढ़ जाता है।

First published on: Jul 11, 2025 07:59 PM