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दिल्ली के स्कूलों में नॉनवेज लाने पर रोक! पैरेंट्स को सता रहा ये बड़ा डर; समझें पूरा मामला

Delhi Schools Against Non-Veg Food In Tiffin: दिल्ली के कई स्कूलों ने छात्रों से यह कह दिया है कि वह नॉनवेज खाना स्कूल लेकर न आएं। इसे लेकर कई अभिभावकों के मन में बड़ी चिंता बैठ गई है कि स्कूलों का ऐसा कदम छात्रों के बीच धर्म और जाति की दीवार खड़ी कर सकता है।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Aug 19, 2024 22:45
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Lunch Box
Representative Image (Pixabay)

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कुछ साल पहले तक ऐसा माहौल था कि अगर किसी बच्चे के घर बिरयानी बनी है तो वह टिफिन बॉक्स में भी बिरयानी रखता था और अपने सरकारी स्कूल में आकर चाव से खाता था। लेकिन, अब अगर किसी के घर बिरयानी बनती है तो टिफिन में केवल चावल ही आता है। दरअसल, नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के खजूरी खास में स्थित एक सरकारी स्कूल ने बच्चों को निर्देश दिया है कि टिफिन में नॉनवेज खाना या अंडे बिल्कुल न लेकर आएं। बता दें कि छात्रों को ऐसी सलाह देने वाला यह कोई अकेला स्कूल नहीं है।

द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार अगस्त की शुरुआत में ही नोएडा में स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल ने अभिभावकों से कहा था कि वह अपने बच्चों को टिफिन बॉक्स में नॉनवेज खाना भेजने से परहेज करें। स्कूल प्रशासन ने अपनी इस सलाह के पीछे का कारण भी बताया था। स्कूल के अनुसार यह कदम इस बात को सुनिश्चित करने की एक कोशिश है कि सभी छात्र सम्मानित महसूस करें। स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा था कि कुछ पेरेंट्स ने ऐसी शिकायतें की हैं कि उनके बच्चे किसी साथी छात्र के टिफिन से मांस खाने के बाद बीमार पड़ गए।

अभिभावकों को सता रहा बड़ा डर

स्कूलों के इस कदम की कई पेरेंट्स एसोसिएशन ने आलोचना की है। उनका कहना है कि ऐसा करने से मासूम बच्चों के बीच भी धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव और अलगाव की स्थिति बन सकती है। लेकिन, कई प्राईवेट स्कूलों के प्रिंसिपल्स ने कहा है कि वह स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को देखते हुए स्कूल में केवल शाकाहारी भोजन लाने की ही अनुमति देंगे। बता दें कि स्कूल में नॉनवेज खाना नहीं ले जा सकते, ऐसा कहीं भी नहीं लिखा हुआ है लेकिन यह एक अनकहे नियम की तरह है। कई लोग मांसाहारी खाना देख आफेंड हो जाते हैं।

हालांकि, इस मुद्दे को लेकर सबसे विचार अलग-अलग हैं। नंद नगरी में स्थित एक स्कूल के छात्र का कहना है कि उसके कुछ क्लासमेट टिफिन में मांस लेकर आते हैं। इससे मुझे और बाकी छात्रों को बहुत अनकंफर्टेबल फील होता है। इसी तरह रोहिणी के माउंट आबू पब्लिक स्कूल ने तो नियम बना रखा है कि नॉनवेज खाना अलाउड नहीं है। स्कूल का कहना है कि हमें इस बात से दिक्कत नहीं है कि कोई क्या खा रहा है। हमने स्कूल की शुरुआत से ही नॉनवेज बैन कर रखा है। छात्र स्कूल में नहीं लेकिन अपने घर पर मांस खा सकते हैं।

इस स्कूल में टिफिन लाने पर ही रोक

रिपोर्ट के मुताबिक वसंत कुंज में स्थित वसंत वैली स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र के अभिभावक ने कहा कि स्कूल ने छात्रों के टिफिन लाने पर ही रोक लगा दी है। स्कूल मैनेजमेंट रोज छात्रों को गर्म और ताजा भोजन परोसता है। यह पूरा खाना शाकाहारी रहता है। बता दें कि साल 2023 तक देश के 14 राज्य प्राथमिक विद्यालयों में मिलने वाली मिड-डे मील में अंडे परोसते थे। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने 2017-18 के बजट में मिड-डे मील में अंडे शामिल करने वादा भी किया था लेकिन यह वादा अब तक पूरा नहीं हो पाया है।

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Written By

Gaurav Pandey

First published on: Aug 19, 2024 10:44 PM

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