दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने आज प्राइवेट स्कूल फीस विवाद पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। इसमें उन्होंने बताया है कि DPS द्वारका समेत 10 स्कूलों पर मनमानी फीस बढ़ोतरी और व्यवसायीकरण के खिलाफ कोर्ट का बड़ा एक्शन हुआ है। दिल्ली के इतिहास में पहली बार स्कूली बच्चों को रियायत मिली है। कोर्ट ने 10 स्कूलों के खिलाफ शोकॉज नोटिस जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों से भाजपा की सांठ-गांठ का आरोप बिल्कुल गलत है।
मंत्री सूद ने बताया कि DM की ज्यूडिशियल पावर्स का इस्तेमाल करते हुए एक कमेटी जांच के लिए गठित की गई थी। कमेटी की जांच के आधार पर कोर्ट को यह तक कहना पड़ा कि DPS द्वारका को टेकओवर तक कर लिया जाए। कोर्ट का शोकॉज नोटिस का ऑर्डर दिल्ली सरकार की ऑडिट रिपोर्ट की वजह से आया है। DM की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने DM को भी आदेश दिया है कि सभी तरह के अन्याय स्कूल में बंद किए जाएं।
इन स्कूलों को मिला कोर्ट का शोकॉज नोटिस

इन स्कूलों को मिला शोकॉज नोटिस।
जांच कमेटियों ने किया 600 स्कूलों का निरीक्षण
बता दें कि प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी को लेकर मनमानी के खिलाफ शिकायतें मिली थीं। इन शिकायतों पर एक्शन लेते हुए शिक्षा निदेशालय ने जांच कमेटियां बनाकर स्कूलों की जांच करने का आदेश दिया। जांच कमेटी का नेतृत्व संबंधित क्षेत्र के SDM ने किया। कमेटी में जिला-जोन के शिक्षा उप-निदेशक, लेखा अधिकारी और सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य भी थे। इन कमेटियों ने 600 स्कूलों का निरीक्षण करने के बाद रिपोर्ट सरकार और कोर्ट को सौंपी।
रद्द की जा सकती है मान्यता
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को देखते हुए स्कूलों को जो शोकॉज नोटिस जारी किया गया है, उसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल फीस बढ़ाने का फैसला वापस लें। अगर आदेश नहीं माना गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों की मान्यता तक रद्द की जा सकती है। दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973 की धारा 24(3) के तहत नोटिस जारी हुए हैं। एक्ट के नियमों का उल्लंघन हुआ तो सजा भुगतनी पड़ सकती है।