Delhi Waqf Bill Protest Jantar Mantar: राजधानी दिल्ली में एक बार फिर वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर हंगामा मच गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने जंतर-मंतर पर धरना देना शुरू कर दिया है। इस धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए हजारों की संख्या में मुस्लिमों का जमावड़ा लगा है। AIMPLB ने वक्फ बिल को काला कानून बताया है। मुस्लिम समुदाय के अलावा कई राजनीति दल भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं।
AIMPLB के विरोध की वजह
दरअसल AIMPLB का कहना है कि वक्फ संशोधन बिल लाकर केंद्र सरकार मुस्लिमों के अनधिकृत मदरसे और मस्जिदों को हड़पने का प्रयास कर रही है। मगर हम ऐसा नहीं होने देंगे। इस बिल के विरोध में हजारों लोग बैनर और पोस्टर लेकर जंतर-मंतर पर धरना देने बैठ गए हैं। कई राजनीतिक दल भी AIMPLB का समर्थन करते नजर आ रहे हैं।
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JPC कमेटी के अध्यक्ष का बयान
वक्फ बिल पर बनी JPC कमेटी के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने AIMPLB के बेबुनियाद करार दिया है। उनका कहना है कि वक्फ बिल पर सरकार का नजरिया पूरी तरह से साफ है। जब यह बिल सदन में पेश किया गया तो विपक्ष ने इसका विरोध किया था। ऐसे में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने इसे JPC की कमेटी को देने की बात कही थी।
6 महीने में 118 घंटे की बातचीत
जगदम्बिका पाल के अनुसार 6 महीने तक JPC ने इस बैठक पर चर्चा की। इस दौरान 118 घंटे तक बिल पर बातचीत हुई। दिल्ली में 38 बैठकों समेत महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, बिहार और तेलंगाना जैसे कई राज्यों में बैठक की गई। सभी तरह के स्टेकहोल्डर्स और संगठनों से बिल पर राय मांगी गई।
वक़्फ़ बिल पर बनी JPC के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने क्या कहा?#WaqfAmendmentBill #WaqfBoard #jpc pic.twitter.com/uHevpIylBD
— Sakshi (@sakkshiofficial) March 17, 2025
रिपोर्ट में सबकी राय शामिल
जगदम्बिका पाल का कहना है कि वक्फ का फायदा गरीब और पसमांदा मुस्लिमों को नहीं मिल रहा है। सरकार इसलिए नया कानून ला रही है। JPC की रिपोर्ट में न सिर्फ विपक्ष बल्कि AIMPLB की राय भी मौजूद है। एक लोकतंत्र में कानून बनाने का इससे बड़ा तरीका क्या हो सकता है? जंतर-मंतर पर विरोध करके देश के अल्पसंख्यकों को गुमराह किया जा रहा है।
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