नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली और केंद्र सरकार को सरकारी अस्पतालों में खाली पड़े पदों को जल्द भरना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। अदालत ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले में केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब देने के लिए समय दिया है। पेश याचिका सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति के बारे में दाखिल की गई है। अब इस मामले में 12 अप्रैल को सुनवाई होगी।
Government shall ensure unfilled vacancies in hospitals are filled up soon: Delhi HC
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— ANI Digital (@ani_digital) January 14, 2023
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न्यायमूर्ति सतीश चंदर शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कहा, “सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि अस्पतालों में खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरा जाए।” अदालत ने इससे पहले एम्स, सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल जैसे सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की तत्काल नियुक्ति के लिए एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर केंद्र, दिल्ली सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया था।
इलाज से वंचित हो रहे लोग
याचिकाकर्ता डॉ नंद किशोर गर्ग के वकील शशांक देव सुधी ने अदालत में कहा, सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी हो गई है, जो हर बीतते दिन के साथ बिगड़ती जा रही है। प्रासंगिक बुनियादी ढांचे और विशेष डॉक्टरों की उपलब्धता के बारे में गलत जानकारी सहित डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी के कारण निर्दोष और गरीब रोगियों को उनके इलाज से वंचित किया जा रहा है।
निजी अस्पताल उठा रहे फायदा
याचिका में कहा गया है कि निजी अस्पताल असहाय मरीजों की दुर्दशा का अवैध फायदा उठा रहे हैं। ऐसे कई मामले हैं जहां सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में बुनियादी ढांचे की कमी का हवाला देकर मरीज को निजी अस्पतालों में रेफर कर रहे हैं।