What Next for Arvind Kejriwal: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद राजधानी की सियासत में बड़े उलट-फेर देखने को मिल रहे हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) हार से उबरने की कोशिश कर रही है। अरविंद केजरीवाल को पार्टी की हार से ज्यादा बड़ा झटका खुद की हार से लगा है। बीजेपी नेता प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने केजरीवाल को उन्हीं के संसदीय क्षेत्र में परास्त कर दिया। ऐसे में अरविंद केजरीवाल अब आगे क्या करेंगे? हर किसी के मन में यह सवाल है।
कुछ सालों पहले तक अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टक्कर देने उतरे थे। दिल्ली का सीएम बनने के बाद केजरीवाल पीएम बनने का ख्वाब देख रहे थे। मगर अब वो विधायक भी नहीं रहे। केजरीवाल के पास वर्तमान में कोई भी संवैधानिक पद नहीं है। ऐसे में केजरीवाल के साथ-साथ AAP का भविष्य भी खतरे में हैं। तो आइए जानते हैं केजरीवाल के पास अब आगे क्या विकल्प हैं?
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12 साल में राष्ट्रीय पार्टी बनी AAP
अरविंद केजरीवाल ने 26 नवंबर 2012 को दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की नींव रखी थी। अस्तित्व में आने के बाद से ही AAP लगातार सत्ता में बनी हुई थी। महज 12 साल में AAP को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया। वहीं बीजेपी, कांग्रेस और TMC के बाद AAP देश की चौथी नेशनल पार्टी बन गई। दिल्ली के बाद पंजाब में AAP की सरकार बनी। इसके बाद AAP ने गुजरात और गोवा में भी एंट्री कर ली। वर्तमान में AAP राज्यसभा में चौथे नंबर की पार्टी है, जिसके पास सबसे ज्यादा सांसद हैं।
दिल्ली में 2028 तक ‘नो एंट्री’
दिल्ली चुनाव में नई दिल्ली सीट से हारने के बाद अरविंद केजरीवाल के पास कोई भी संवैधानिक पद नहीं है। केजरीवाल लगातार 3 बार से नई दिल्ली सीट से विधायक थे। मगर अब 2028 तक वो दिल्ली सदन का हिस्सा नहीं बन सकते हैं। 2028 में केजरीवाल राज्यसभा चुनाव जीतकर विधानसभा में एंट्री कर सकते हैं।
दिल्ली की महिलायें ₹2,500/महीने की राशि का इंतज़ार कर रही हैं,
BJP आज अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में महिलाओं के साथ किये अपने वादे को पूरा करे।#2500_महिलाओं_को_दो_BJP pic.twitter.com/kBFsTV3vOi
— AAP (@AamAadmiParty) February 20, 2025
पंजाब में भी चुनौती बनेगी कांग्रेस
दिल्ली का किला हारने के बाद अब AAP के सामने सबसे बड़ी चुनौती पंजाब में है। वर्तमान में AAP की सरकार सिर्फ पंजाब में है। दिल्ली की हार का असर पंजाब के आगामी चुनाव पर भी पड़ सकता है। दिल्ली चुनाव में AAP के लिए मुश्किल खड़ी करने वाली कांग्रेस पंजाब में भी AAP के रास्ते का रोड़ा बन सकती है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल का पूरा फोकस अब दिल्ली से हटकर पंजाब पर शिफ्ट हो सकता है।
AAP के विस्तार पर लगेगा ब्रेक
दिल्ली में लगातार जीत करने वाली AAP कई राज्यों में तेजी से पैर पसार रही थी। मगर दिल्ली की हार से पार्टी को तगड़ा झटका लगा है और अब पार्टी भविष्य की रणनीतियों में बदलाव कर सकती है। अन्य राज्यों में AAP के विस्तार पर कुछ समय के लिए ब्रेक लगने के कयास लगाए जा रहे हैं। इसी साल बिहार विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही AAP अपने हाथ पीछे खींच सकती है।
AAP के अस्तित्व पर संकट
AAP पर पहले से ही शराब घोटाले से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है। ऐसे में अगर पार्टी पर लगे आरोप सही साबित होते हैं तो AAP का अस्तित्व भी संकट में आ सकता है। इससे न सिर्फ पार्टी खत्म हो सकती है बल्कि राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर मिली सरकारी सुविधाएं भी अरविंद केजरीवाल से छीनी जा सकती हैं।
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