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अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने कहा- उनका निजी फैसला है, CM बने रहेंगे या नहीं

Arvind Kejriwal CM Post Controversy: अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग वाली याचिका खारिज हो गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में विरोध करने वालों को एक सलाह भी दी है। साथ ही कहा है कि हाईकोर्ट इस मामले में कोई फैसला नहीं ले सकता।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Apr 4, 2024 12:19
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Arvind Kejriwal Delhi Liquor Policy Case
Arvind Kejriwal Delhi Liquor Policy Case

Arvind Kejriwal CM Post Controversy: अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर किसी तरह के संवैधानिक संकट की स्थिति है तो राष्ट्रपति या एलजी फैसला लेंगे, हाईकोर्ट इसमें दखल नहीं देगा।

बता दें कि 5 दिन पहले हिंदू सेना नामक संगठन के प्रेसिडेंट विष्णु गुप्ता ने याचिका दायर करके अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। मामले में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने फैसला सुनाया।

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शराब घोटाले में आरोपी बताते हुए की थी मांग

विष्णु गुप्ता ने अपनी याचिका में कहा कि वे दिल्ली शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी हैं। इसलिए उन्हें संवैधानिक पद पर बने रहने का अधिकारी नहीं है। वहीं हाईकोर्ट ने उनकी जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह अरविंद केजरीवाल का निजी फैसला है, वे मुख्यमंत्री पद पर रहना चाहते हैं या नहीं।

कभी-कभी, व्यक्तिगत हित को राष्ट्रीय हित के अधीन करना पड़ता है। हाईकोर्ट इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं ले सकता, क्योंकि इस पर फैसला लेने का अधिकार दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) या देश के राष्ट्रपति पर निर्भर है। अगर केजरीवाल मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं तो वे रह सकते हैं। हाईकोर्ट इस मामल में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा।

21 मार्च को गिरफ्तार किए गए थे केजरीवाल

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाईकोर्ट ने कहा कि हम यह कैसे कह सकते हैं कि सरकार काम नहीं कर रही है? एलजी उनके मुख्यमंत्री बने रहने पर निर्णय लेने में पूरी तरह सक्षम हैं। उन्हें (एलजी) हाईकोर्ट की सलाह या मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं है। उन्हें अधिकारी है। उन्होंने जो भी करना होगा, वह कानून के अनुसार करेंगे। इसलिए याचिकाकर्ता संबंधित से संपर्क करें, हाईकोर्ट के पास न आएं। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली।

बता दें कि अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार किया है। 21 मार्च को गिरफ्तारी के बाद 2 बार रिमांड पर उन्हें लिया गया। इसके बाद गत 1 अप्रैल को उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया। वे जेल से ही अपनी मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: Apr 04, 2024 11:58 AM

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