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Delhi: टोल टैक्स कंपनी व भाजपा की सांठगांठ के चलते एमसीडी को लगभग 6000 करोड़ का नुकसान- दुर्गेश पाठक

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने भाजपा शासित एमसीडी पर टोल टैक्स कंपनी से सांठकर कर लगभग 6000 करोड़ का घोटाला करने का आरोप लगाया है। ‘आप’ विधायक एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा ने 2017 में MEP इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलपर्स लिमिटेड नाम की कंपनी को 1200 करोड़ प्रति वर्ष के अनुसार पांच […]

Edited By : Siddharth Sharma | Updated: Aug 9, 2022 14:47
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एमसीडी पर आरोप- दुर्गेश पाठक
एमसीडी पर आरोप- दुर्गेश पाठक

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने भाजपा शासित एमसीडी पर टोल टैक्स कंपनी से सांठकर कर लगभग 6000 करोड़ का घोटाला करने का आरोप लगाया है। ‘आप’ विधायक एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा ने 2017 में MEP इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलपर्स लिमिटेड नाम की कंपनी को 1200 करोड़ प्रति वर्ष के अनुसार पांच सालों के लिए ठेका दिया था। कंपनी ने पहले साल पैसा देने के बाद अगले साल से कभी 10% तो कभी 20% ही पैसा दिया। लेकिन कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय ठेके को जारी रखा गया।

दुर्गेश पाठक ने कहा कि 2021 में वही ठेका शहाकर ग्लोबल लिमिटेड नाम की कंपनी को मात्र 786 करोड़ में दिया गया जो एमसीडी को सिर्फ 250 करोड़ के लगभग ही देती है। यहां तक कि भाजपा ने नई कंपनी को कोरोना काल के नाम पर भी 83 करोड़ रुपयो की छूट दी। दुर्गेश पाठक ने कहा कि दोनों कंपनियों का मालिक एक ही है, बिना सांठगांठ के यह सब संभव ही नहीं है। आम आदमी पार्टी ने घोटाले की जांच की मांग करते हुए कहा कि अगर ईमानदारी से जांच हो तो भाजपा के बड़े-बड़े नेता जेल में नजर आएंगे।

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आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता, राजेंद्र नगर से विधायक एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता को संबोधित किया। दुर्गेश पाठक ने कहा कि पिछले 17 सालों में भाजपा ने एमसीडी की सत्ता में इतनी खूबसूरती से भ्रष्टाचार किया है कि आज एमसीडी का दिवालिया निकल चुका है। हमने कई भ्रष्टाचारों का सबूतों के साथ खुलासा किया है।

उन्होंने आगे कहा कि आज हम टोल-टैक्स से जुड़े भ्रष्टाचार का खुलासा कर रहे हैं। 2017 में भाजपा शासित एमसीडी ने टोल टैक्स इकट्ठा करने का ठेका MEP इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलपर्स लिमिटेड नाम की कंपनी को दिया था। यह ठेका 1200 करोड़ प्रति वर्ष के अनुसार 5 सालों के लिए दिया गया था। कंपनी ने एक साल पैसा दिया लेकिन उसके बाद कभी 10% तो कभी 20% पैसा दिया। आखिर में पैसा देना बंद कर दिया लेकिन भाजपा शासित एमसीडी ने कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

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उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती तो यह टेंडर रद्द कर सकती थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। इस पूरी गड़बड़ी के कारण एमसीडी को 921 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ। 2021 में एक नया टेंडर जारी किया गया जो शहाकर ग्लोबल लिमिटेड को तीन सालों के लिए दिया गया। दिलचस्पी की बात यह है कि 2017 में जो ठेका 1200 करोड़ में दिया गया था, वही ठेका नई कंपनी को मात्र 786 करोड़ प्रति वर्ष के अनुसार दे दिया। महंगाई बढ़ रही है उसके हिसाब से तो ठेका पहले से ज्यादा पैसों का होना चाहिए था। लेकिन यहां तो उल्टा उसे और कम कर दिया गया। यही नहीं भाजपा ने कोरोना काल के नाम पर नई कंपनी को 83 करोड़ रुपयो की छूट दे दी। इसी में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार कर लिया गया।

दुर्गेश पाठक ने कहा कि सबसे जरूरी बात यह है कि नई कंपनी पुरानी कंपनी की बहन है। कहने का तात्पर्य यह है कि दोनों कंपनियों का मालिक एक ही है। हैरानी की बात यह है कि नई कंपनी भी पूरा पैसा ना देकर लगभग 250 करोड़ रुपए ही दे रही है। 2017 से 2022 तक दिल्ली की जनता लगभग 1200 करोड़ का टोल टैक्स भरती आई है जो एमसीडी के खाते में होने चाहिए थे।

आप विधायक ने आगे कहा कि सांठगांठ के चलते एमसीडी इन कंपनियों से पैसा वसूल नहीं रही है। इसमें लगभग 6 हजार करोड़ का घपला किया जा चुका है। आम आदमी पार्टी की मांग है कि इस घोटाले की जांच होनी चाहिए। दोनों कंपनियों के मालिक एक होने के बावजूद उन्हें ठेका कैसे दिया गया, इसकी जांच होनी चाहिए। यदि इसकी ईमानदारी से जांच की जाए तो भाजपा के बड़े-बड़े नेता जेल में नज़र आएंगे।

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Edited By

Siddharth Sharma

First published on: Aug 09, 2022 02:47 PM

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