जोधपुर: कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठी हैं। विरोध एक निजी अस्पताल के खिलाफ था जिसने एक गांव के एक मरीज को चिरंजीवी योजना के लाभ से वंचित कर दिया। गहलोत सरकार के बहुचर्चित प्रोजेक्ट चिरंजीवी को लेकर जोधपुर के श्रीराम अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ।
जानकारी मिली है कि अस्पताल में चिरंजीवी योजना के तहत इलाज नहीं किया गया जिसके बाद ओसियां की कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा अस्पताल पहुंच गई और अस्पताल पर वसूली करने का आरोप लगाया। मदेरणा ने आरोप लगाया कि गांव से आए मरीज से अस्पताल ने सवा लाख रुपये लिए और फिर इलाज के बाद उनके परिजनों को 7.50 लाख का बिल दिया गया। वहीं मामला तूल पकड़ने लगा और विधायक अस्पताल में ही धरने पर बैठ गई।
बता दें कि अस्पताल प्रबंधन पर आरोप है कि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने के बजाए मरीज से सवा लाख रुपए जमा करवा लिए। बाद में इलाज के नाम पर साढ़े लाख रुपए का बिल थमा मरीज को घर जाने से रोक लिया। धरने पर बैठी विधायक दिव्या मदेरणा ने कलेक्टर से लेकर जयपुर तक बात की और दिव्या जमा कराए गए सवा लाख रुपए वापस लेकर जाने पर अड़ी गई।
इसके अलावा विधायक दिव्या मदेरणा ने आरोप लगाया कि हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से 3 डॉक्टरों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया और इलाज के बाद मरीज को बिना बिल भरे घर जाने से भी रोका गया।
वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि चिरंजीवी योजना की जानकारी मरीज के परिजनों को पहले देनी चाहिये। इस बारे में दिव्या का कहना है कि मरीज के शरीर में कोई हरकत नहीं थी। ऐसे में परिजन बहुत ज्यादा घबरा गए थे। उन्हें चिरंजीवी योजना का याद नहीं रहा।
मीडिया की खबरों के मुताबिक जोधपुर जिले के धनारी कलां गांव के रहने वाले 42 साल के जगदीश डूडी को 7 सितम्बर को दिल का दौरा पड़ा था जिसके बाद परिजन इलाज के लिए भदवासिया क्षेत्र में स्थित श्रीराम अस्पताल लेकर आए जहां उनका इलाज शुरू करने के लिए डॉक्टरों ने सवा लाख रुपये जमा करवाए।