जालंधर: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा सोमवार को यहां गुरू गोबिन्द सिंह स्टेडियम में ‘खेडां वतन पंजाब दियां’ का उद्घाटन करने के साथ बड़े खेल महाकुंभ ‘खेडां वतन पंजाब दियां-2022’ का आगाज़ शानदार और जोशीले ढंग से हुआ। मुख्यमंत्री ने खेल का झंडा लहराने के बाद अलग-अलग जिलों से हिस्सा लेने वाली टुकडिय़ों के मार्च पास्ट से सलामी ली।
लगभग दो महीने चलने वाले इस शानदार खेल मेले के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस खेल में अलग-अलग उम्र वर्गों के 4 लाख से अधिक खिलाड़ी ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक 28 खेल में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय विजेताओं को 6 करोड़ रुपए के नकद इनाम दिए जाएंगे और यह खेल मेला अब हरेक साल हुआ करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे आज हँसता, खेलता और नाचता पंजाब देखकर खुशी हुई है।’’
इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नौजवानों की असंख्य ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में ले जाने के लिए राज्यभर में खेल को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि यह खेल इस ओर एक सही कदम है, क्योंकि यह खेल खिलाडिय़ों को उनकी छिपी हुई प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए उपयुक्त मंच प्रदान करेंगी। भगवंत मान ने ज़ोर देकर कहा कि यह खेल मेला राज्य सरकार को खिलाडिय़ों की ख़ूबियाँ और कमज़ोरियों की पहचान करने में भी मदद करेगा, जो भविष्य में होने वाले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के लिए उनको तैयार करने के लिए लाभप्रद होगा।
इन खेलों की रूप-रेखा बनाने और इसको अमलीजामा पहनाने के लिए खेल मंत्री को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरमीत सिंह मीत हेयर यह सभी प्रबंध करने के लिए बधाई के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि यह पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है कि यह खेल पंजाब के कोने-कोने में करवाए जा रहे हैं। भगवंत मान ने कहा कि आने वाले सालों में भी इन खेलों को निरंतर करवाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में खेल को हरमन प्यारा बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है, क्योंकि यह खेल राज्य की तरक्की में अहम रोल अदा कर सकते हैं। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब राष्ट्रमंडल खेलों में देश का नाम रौशन करने वाले अपने खिलाडिय़ों को सम्मानित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अधिक से अधिक उभरते हुए खिलाडियों को खेल के क्षेत्र में उपलब्धियाँ हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करना समय की ज़रूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी की सरकार अधिक से अधिक शिक्षित खिलाड़ी पैदा करने और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के लिए भारतीय दल में अधिक से अधिक पंजाबी खिलाडिय़ों को शामिल करने के लिए प्रभावशाली मुहिम चलाने पर काम कर रही है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पंजाब में खेल प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और पंजाब सरकार खिलाडिय़ों को भारत के लिए ओलम्पिक मैडल जीतने के योग्य बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
इस मौके पर खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने यह खेल मेला करवाने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि आज का दिन खेल जगत में नई सुबह लेकर आएगा। उन्होंने पंजाब के महान खिलाडिय़ों बलबीर सिंह सीनियर, परदुम्मण सिंह, ओलम्पियन सुरजीत सिंह को याद करते हुए कहा कि इन खिलाडिय़ों ने पंजाब का नाम दुनिया भर में रौशन किया। उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की कि यह खेल मेला उभरते हुए खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैडल जीतने के सपने साकार करने की दिशा में रचनात्मक मंच साबित होगा।
इस दौरान स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृतिक पेशकारियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। मशहूर पंजाबी गायकों नूराँ बहनों, प्रसिद्ध गायक अमृत मान और रणजीत बावा ने दर्शकों का मनोरंजन किया। इस मौके पर बच्चों ने स्केटिंग और जिम्नास्टिक पेशकारियों के साथ दर्शकों का मन मोह लिया।
इससे पहले, ओलम्पियन बलजीत ढिल्लों और मनजीत कौर खेलों का बैटन लेकर खेल मैदान में दाखि़ल हुए, इसके बाद बारी-बारी सुमन शर्मा, रजिन्दर रहेलू, विकास ठाकुर, सुखपाल पाली, दमनीत सिंह, हरप्रीत हैप्पी, गुरप्रीत सिंह, स्वर्ण सिंह विर्क, सिमरनजीत चकर मशाल लेकर दौड़े और आखिर में ओलम्पियन गुरजीत कौर ने खेलों की मशाल जगाई।
इस मौके पर नवनीत कौर ने समूचे खिलाडिय़ों द्वारा खेल भावना से खेलने की कसम ली। इस मौके पर 23 जिलों के मार्च पास्ट का नेतृत्व कँवर अजय सिंह राणा ने की।
इस मौके पर पारम्परिक नाच ‘गिद्दा’ और ‘भंगड़ा’ के साथ-साथ खेल को दिखाती प्रभावशाली वीडियो ने दर्शकों का मन मोह लिया और उनको नाचने के लिए मजबूर कर दिया। इसी तरह स्टेडियम में हुए उद्घाटन समारोह के दौरान विद्यार्थियों के शानदार प्रदर्शन की भी दर्शकों ने भरपूर सराहना करते हुए तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ हौसला बढ़ाया। इस मौके पर हुई आतिशबाजी का भी उपस्थित लोगों ने आनंद लिया।