जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को जोधपुर दौरे के दौरान इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू करने का ऐलान कर दिया है। इस योजना के माध्यम से अगले वर्ष से शहरी क्षेत्रों में मनरेगा की तर्ज पर मांगे जाने वाले काम पर 100 दिन का रोजगार प्रदान किया जाएगा। इस योजना के संचालन के लिए 800 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य भर में यह योजना 9 सितंबर से शुरू होगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य के सभी लोगों को रोजगार मिलना चाहिए जिससे कि राज्य के सभी लोग खुश रह सकें। उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार रोजगार में बढोतरी के लिए लगातार कोशिश कर रही है। बता दें कि गहलोत सरकार ने पिछले बजट में मनरेगा के ही तर्ज पर इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत करने की घोषणा की थी जिसमें अभी तक 1.5 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन किया है।
प्रतिवर्ष 800 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा
वहीं इससे पहले गहलोत ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना के क्रियान्वयन के लिए नए दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी थी। सरकार के मुताबिक इस योजना के जरिए शहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को हर साल 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा जिसके लिए राज्य सरकार हर साल 800 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
शहरी क्षेत्र के बेरोजगारों को मिलेगा संबल
उल्लेखनीय है कि इस योजना को अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित किया जा रहा था, लेकिन अब इस योजना को शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले नागरिकों के लिए भी कार्यान्वित किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों के नागरिकों को उनके निवास क्षेत्र के पास रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। जिससे कि शहरी परिवारों को संबल प्रदान हो सके। यह योजना शहरी क्षेत्र के बेरोजगार नागरिकों को रोजगार प्रदान करने में कारगर साबित होगी। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से प्रदेश के नागरिकों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा।
18 से 60 साल के अकुशल श्रमिक करेंगे काम
सरकार के मुताबिक योजना के जरिए अधिक से अधिक नौकरियां प्रदान करने पर ध्यान दिया जाएगा, जिसमें सामान्य प्रकृति के कार्य अकुशल श्रमिक करेंगे। वहीं 18 से 60 साल की उम्र के सभी और शहरी निकाय सीमा के भीतर रहने वाले लोग योजना के लिए पात्र माने जाएंगे। इसके अलावा विशेष परिस्थितियों जैसे कि महामारी या आपदा में, प्रवासी मजदूरों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।