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छत्तीसगढ़: कभी पिता ने राजनीति में आने से किया था मना, अब बने डिप्टी सीएम, जानें कौन हैं टीएस सिंह देव?

TS Singh Deo: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कैबिनेट मंत्री टीएस सिंह देव यानी त्रिभुवनेश्वर शरण सिंह देव को छत्तीसगढ़ का उपमुख्यमंत्री बनाया है। उनकी गिनती छत्तीसगढ़ में दिग्गज कांग्रेसियों में होती है। वह सरगुजा के महराज हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें बधाई भी महराज कहकर दी है। टीएस सिंह […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Jun 28, 2023 22:46
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TS Singh Deo

TS Singh Deo: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कैबिनेट मंत्री टीएस सिंह देव यानी त्रिभुवनेश्वर शरण सिंह देव को छत्तीसगढ़ का उपमुख्यमंत्री बनाया है। उनकी गिनती छत्तीसगढ़ में दिग्गज कांग्रेसियों में होती है। वह सरगुजा के महराज हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें बधाई भी महराज कहकर दी है।

टीएस सिंह देव ने कहा कि सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगे। छत्तीसगढ़ में इसी साल दिसंबर तक विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले इसे कांग्रेस का बड़ा दांव माना जा रहा है।

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31 साल की उम्र में राजनीति में रखा था कदम

टीएस सिंह देव ने 31 साल की उम्र में अंबिकापुर से नगर पालिका चुनाव के जरिए राजनीति में कदम रखा था। बात 1983 की है। हालांकि उनके इस कदम से उनके पिता मदनेश्वर शरण सिंह देव खुश नहीं थे। पिता ने उन्हें एक लंबा पत्र लिखकर राजनीति में आने से मना कर दिया था। उनका मानना था कि उनके बेटे को राजनीति के उतार-चढ़ाव में शामिल होने के बजाय परिवार की संपत्ति के प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए।

हालांकि पत्र उन्हें राजनीति में आने से नहीं रोक सका। 2013 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने हतोत्साहित कांग्रेस पार्टी के विपक्ष के नेता के रूप में पदभार संभाला। कांग्रेस भाजपा से लगातार तीन विधानसभा चुनाव हार गई थी। देव के दादा महाराजा रामानुज शरण सिंह देव सरगुजा रियासत के अंतिम शासक थे और उन्होंने 1 जनवरी 1948 को भारतीय संघ में विलय पर हस्ताक्षर किए थे।

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मां मध्य प्रदेश में दो बार मंत्री रहीं

सिंह देव की मां देवेन्द्रकुमारी सिंह देव अविभाजित मध्य प्रदेश में दो बार मंत्री रहीं। उनके पिता अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे। परिवार ने उन्हें ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में भेजा, जो शाही परिवार के वंशजों के लिए आरक्षित है। देव ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की और हमीदिया कॉलेज से एमए करने के लिए भोपाल लौटे थे।

बघेल जहां आक्रामक वहीं देव मृदुभाषी

भूपेश बघेल और सिंह देव अपनी अलग-अलग कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। जहां सिंह देव सौम्य, मृदुभाषी हैं। वहीं, बघेल की छवि एक आक्रामक नेता के तौर पर है। जब सिंह देव विपक्ष के नेता का पद लेना चाहते थे तो शबघेल ने उनका पूरा समर्थन किया था। बदले में देव ने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए श्री बघेल की पैरवी की।

2018 में सिंह देव ने बनाया था घोषणा पत्र

2018 के विधानसभा चुनाव से पहले सिंह देव ने घोषणापत्र समिति की अध्यक्षता की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें नकदी की कमी से जूझ रही राज्य इकाई के लिए धन जुटाने का श्रेय भी दिया जाता है। यह पहली बार था कि बुरी तरह विभाजित छत्तीसगढ़ कांग्रेस श्री बघेल और देव के साथ एकजुट होकर खड़ी हुई।

यह भी पढ़ें: TS Singh Deo: छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले कांग्रेस हाईकमान का बड़ा दांव, टीएस सिंह देव को बनाया डिप्टी सीएम

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Written By

Bhola Sharma

First published on: Jun 28, 2023 10:41 PM

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