Chhattisgarh election 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर अप्रत्याशित नतीजे सामने आए हैं। ऐसी ही एक सीट है साजा विधानसभा सीट। बेमेतरा जिले में आने वाली यह सीट बीते अप्रैल माह में तब चर्चा में थी जब यहां दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक दंगे हुए थे। अब इन्हीं दंगों में मरने वाले 24 वर्षीय युवक भुवनेश्वर के पिता ईश्वर साहू ने भाजपा की टिकट से जीत हासिल की है। खास बात यह है कि ईश्वर पेशे से मजदूर हैं। उन्होंने कभी विधानसभा चुनाव तो क्या सरपंच का इलेक्शन में खड़े होने के बारे में भी नहीं सोचा था।
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कांग्रेस के कद्दावर मंत्री को हराया
बेटे की मौत के बाद जब ईश्वर साहू को न्याय नहीं मिला तो लोगों की सलाह पर उन्होंने खुद पूरे सिस्टम में बदलाव करने की ठानी और घर से ही इसकी शुरुआत कर विधानसभा चुनाव में खड़े हुए। उनके इस अभियान में भाजपा ने भी उनका साथ दिया। बीजेपी ने उन्हें साजा विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया। प्रचार के दौरान सोशल मीडिया पर ईश्वर साहू की सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए अपने बेटे भुनेश्वर का चित्र हाथों में लिए फोटो वायरल हुई। जिससे लोगों की उन्हें साहनुभूति मिली और उन्होंने तकरीबन पांच हजार वोटों से कांग्रेस के कद्दावर मंत्री और सात बार से विधायक रविंद्र चौबे को चुनावों में शिकस्त दी।
छत्तीसगढ़ के साजा विधानसभा सीट पर भाजपा के ईश्वर साहू ने कांग्रेस के सात बार के विधायक को हराया। pic.twitter.com/J70zA4ovwl
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यह बुराई पर अच्छाई की जीत
चुनाव जीतने के बाद साजा सीट से चुनाव जीते ईश्वर साहू ने कहा कि यह बुराई पर अच्छाई की जीत है। उन्होंने कहा, मेरा चुनाव प्रचार के दौरान भी यही नारा था कि ‘अब नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे’। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ है। वह अपनी विधानसभा के विकास और जनता की भलाई का काम करेंगे। यहां बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल 33 जिलें हैं, इनमें कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। चुनाव नतीजों में भाजपा ने 54 सीटों और कांग्रेस ने 35 सीटों पर जीत हासिल की है।