Chhattisgarh Doctors Miracle Work: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के डॉक्टरों ने दिल की बहुत डिफिकल्ट बीमारी की सर्जरी करके बड़ी सफलता हासिल की है। यह कमाल पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति अस्पताल के स्पीन ऑफ डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति अस्पताल के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (ACI) में किया गया। कॉर्डियोलॉजी के डिपार्टमेंट हेड डॉ. स्मित श्रीवास्तव और उनकी टीम ने ट्रांसकैथेटर माइट्रल वॉल्व इम्प्लांट (TMVR) वॉल्व इन वॉल्व प्रोसेस से 70 साल की महिला जान बचाई।
जटिल हृदय रोग के इलाज में छत्तीसगढ़ के शासकीय अस्पताल को मिली बड़ी सफलता।
---विज्ञापन---पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित #एडवांस_कार्डियक_इंस्टीट्यूट (एसीआई) में #कॉर्डियोलॉजी मरीज की छाती पर बिना चीरे के ट्रांसकैथेटर माइट्रल वाल्व… pic.twitter.com/SPkvdddrkA
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) February 7, 2024
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डॉक्टर ने बताया ऑपरेशन का प्रोसेस
डॉ. स्मित श्रीवास्तव के अनुसार, सर्जरी में मरीज की छाती पर बिना किसी चीरे के माइट्रल वाल्व के जरिए रिप्लेसमेंट का प्रोसेस किया जाता है। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य बन गया है। ACI एकमात्र संस्थान है, जहां यह काम किया गया। डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि सबसे पहले मरीज को बेहोश किया गया। इसके बाद उसकी दाहिनी जांघ की नसों के रास्ते कैथेटर के जरिए एओर्टा तक पहुंचे। इसके बाद एओर्टा से बैलून को ले जाते हुए माइट्रल वाल्व के लिए जगह बनाई गई। इसके बाद बैलून एक्सपेंडेबल वॉल्व को पुराने वॉल्व की जगह रिप्लेस किया गया। मरीज को 26 MM का माइट्रल वॉल्व लगाया गया।
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सीएम विष्णुदेव साय ने दी टीम को बधाई
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने रायपुर के डॉक्टरों को इस उपलब्धि बधाई दी और उनके काम की तारीफ की। डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि बुजुर्ग मरीज को 10 साल पहले दिल का दौरा पड़ा और वॉल्व से जुड़ी समस्याओं के लिए कई ऑपरेशनों से गुजरना पड़ा था, जिसमें कोरोनरी बाईपास सर्जरी और माइट्रल वॉल्व सर्जरी शामिल है।