Black Leopard seen in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ से वन्य प्रेमियों के लिए बड़ी खबर है, यहां अचानकमार टाइगर रिजर्व में काला तेंदुआ देखा गया है। वन मंत्री केदार कश्यप ने सोशल मीडिया पर इसकी फोटो शेयर की है। मंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ये छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी उपलब्धि है, ये मेलनिस्टिक लेपर्ड की तस्वीर है इस सफलता के लिए वन विभाग को बधाई।
छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाइगर रिजर्व में मेलनिस्टिक लेपर्ड के उपस्थिति की पुष्टि है।
---विज्ञापन---ATR प्रबंधन के संरक्षित प्रयासों एवं उपयुक्त पर्यावास ने इस लेपर्ड की प्रजाति के संरक्षण से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल किया है।
इस अद्वितीय प्रजाति के संरक्षण की सफलता पर बहुत-बहुत बधाई। pic.twitter.com/5ylR16hk1s— Kedar Kashyap (@KedarKashyapBJP) July 29, 2024
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काले तेंदुए के संरक्षण पर किया जा रहा है काम
अचानकमार टाइगर रिजर्व में लगे वन विभाग के कैमरों में इस दुर्लभ तेंदुए की तस्वीर कैदी हुई हैं। जिसके बाद सोमवार को इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। इन तस्वीरों के सामने आने के बाद वन प्रेमी विभाग को इसके लिए बधाई दे रहे हैं। बता दें छत्तीसगढ़ वन विभाग लंबे समय से काले तेंदुए के संरक्षण करने पर काम कर रहा है। काले तेंदुए इंडिया में काफी कम संख्या में है। छत्तीसगढ़ वन विभाग के अनुसार अचानकमार टाइगर रिजर्व पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में इससे इजाफा होगा। दुर्लभ तेंदुए का दिखना बड़ी उपलब्धि है।
इसे कहते हैं जंगल का भूत
काले तेंदुए घने जंगल में रहते हैं, ये रॉयल बंगाल टाइगर और एशियाई शेर के परिवार का ही है। इसे ब्लैक पैंथर के नाम से जाना जाता है। इसे मेलेनिस्टिक तेंदुआ यानी जंगल का भूत कहते हैं। इसका ये नाम इसलिए पड़ा क्योंकि ये अक्सर रात के समय ही शिकार करता है। पूरे दिन आराम करने वाला यह ब्लैक पैंथर चीतल, हिरण और जंगली सूअरों का शिकार करना पसंद करता है।
60 किलामीटर प्रतिघंटा की रफ्तार
वन विभाग के अनुसार इसका वैज्ञानिक नाम पैंथेरा पार्डस है। इसका औसतन वजन 80 से 90 किलो तक होता है। ये 60 किलामीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है। इसकी लंबाई 7 से 8 फीट तक होती है। फिलहाल इंडिया में ये काफी कम संख्या में हैं। ये दांडेली वन्यजीव अभयारण्य, मानस राष्ट्रीय उद्यान, ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व, काबिनी वन्यजीव अभयारण्य आदि जगहों पर मिलता है।
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