के जे श्रीवत्सन, जयपुर: राजस्थान में ग्रामीण ओलंपिक खेल चल रहे हैं। भले ही अशोक गहलोत सरकार ने इसे अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक बड़ी उपलब्धि का नाम दिया है लेकिन अब इसे लेकर विवाद भी शुरू हो गया है। विवाद खिलाडियों को दी गई खेल के ड्रेस और उसके रंग को लेकर है, जिसे लेकर अब भाजपा गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगा रही है। लेकिन सरकार का दावा है की खेल को राजनीती से दूर रखा जाए तो ही बेहतर है।
बता दें कि कबड्डी, खो खो, टेनिस बॉल क्रिकेट, वॉलीबॉल, हॉकी और शूटिंग जैसे लोगों के बीच प्रचलित खेल, 30 हज़ार टीमें और 10 लाख महिलाओं सहित कुल 30 लाख से भी ज्यादा अलग-अलग वर्ग के खिलाडियों की भागीदारी, खेलों का ऐसा महाकुम्भ हो तो भला किसी इस पर गर्व नहीं होगा। लेकिन राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार द्वारा करवाए जा रहे राजीव गाँधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों के आयोजनक के मकसद को लेकर ही भाजपा ने अब अपना कड़ा एतराज जता दिया है।
भाजपा को एतराज खिलाडियों को दी गई ड्रेस के रंग को लेकर है, हाफ पेंट औऱ टीशर्ट में हरे रंग की इस ड्रेस में भाजपा नेताओं को एक वर्ग विशेष को खुश करने वाली तुष्टिकरण की बू आ रही है। यही नहीं उसे इस बात को लेकर भी आपत्ति है की इस ड्रेस पर अशोक गहलोत ने टीम और खिलाडियों के नाम की बजाय अपनी खुद की बड़ी तस्वीर लगा दी है। यानी की वे चुनावी मोड़ में आ चुके हैं और इन खेलों के आयोजन के जरिये अपनी सरकार की विफलताओ से लोगों का धयान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। यही कारण है की बीजेपी ने ड्रेस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तस्वीर और ड्रेस के रंग को लेकर सवाल उठाया।
वहीं उपनेता प्रतिपक्ष, राजस्थान राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘सीएम आजकल प्रचार मोड़ में है। पहले चिरंजीवी योजना के क साथ 1 करोड़ 33 लाख महिलाओं को मोबाईल दे रहे हैं जिसमे उनकी तस्वीर होगी। उनका प्रचार-प्रसार होता रहेगा। भामाशाह योजना के कार्ड पर तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे की तस्वीर का तो उन्होंने विरोध किया था। लेकिन वहीँ गहलोत अब सीएम बनने के बाद ओलम्पिक खिलाडियों की ड्रेस पर खुद की बड़ी बड़ी तस्वीर छपवा कर अपना महिमा मंडन रहे है। यह प्रतियोगिता कांग्रेस का प्रचार मध्यम बनकर रह गया है। जो कभी ओलम्पिक खेल कभी मोबाईल बांटने के नाम पर नज़र आ रहा है।’
राजस्थान भाजपा के प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि, ‘दरअसल राजस्थान सरकार गाँव, ब्लाक और जिला स्तर पर ग्रामीण ओलपिक महाकुम्भ्य का आयोजन करवा रही है। जिसमे भाग ले रहे खिलाडियों के उम्र की कोई सीमा नहीं है। यहाँ तक की खुद सीएम पिछले 5 दिनों से हर दिन 3 जिलों में जाकर इन खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेकर खिलाडियों और आयोजकों का होंसला बढाते हैं। ऐसे में कांग्रेस इस महाकुम्भ के आयोजन और खिलाड़ियों की ड्रेस को सियासी मुद्दा ही नहीं मान रही है। कांग्रेस ने पलटवार किया और कहा कि बीजेपी खेलों के जरिये नजर आ रही एकता औऱ ताकत को तोड़ना चाहती है। ताकि खेलो को भी सांप्रदायिक रंग दे सकें।’
वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने जवाब देते हुए कहा है कि, ‘बहरहाल आरोप- प्रत्यारोपो के बीच ग्रामीण ओलम्पिक खेलों को मिली अपार सफलता का ही नतीजा है की खुद अशोक गहलोत हर रोज किसी न किसी जिले में जाकर इस खिलाडियों और स्थानीय लोगों से मिल रहे हैं। इसे चाहे खेल भावना बढाने वाला कार्यक्रम कहें या फिर वोटरों में पैठ बनाने की कोशिश, शायद यह सुकून देने वाली तस्वीर है की कोरोनाकाल के बाद से ही विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जनता और अधिकारीयों से संपर्क करने वाले अपने सीएम को अब जनता अपने बीच रु-ब-रु देख भी पा रही है।