Dularchand Yadav: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियों के बीच दुलारचंद यादव की हत्या से प्रदेश की सियासत गरमा गई है. गुरुवार दोपहर को पटना जिले के मोकामा विधानसभा के टाल इलाके के घोसवारी में चुनाव प्रचार के दौरान दुलारचंद की गोली मारकर हत्या कर गई. आरोप हैं कि दुलारचंद को पहले मारा-पीटा गया, फिर उन्हें गोली मार दी गई और उन्हें गाड़ी से कुचला भी गया. जब दुलारचंद की हत्या की गई, उस समय वे जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे, वहीं उनकी हत्या के बाद इलाके में दहशत फैल गई है.
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अनंत सिंह पर केस दर्ज
दुलारचंद यादव का पोस्टमार्टम बाढ़ अनुमंडल हॉस्पिटल में मेडिकल बोर्ड ने किया और पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई गई, वहीं अंतिम संस्कार के लिए ले जाते समय दुलारचंद के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. दुलारचंद यादव के पोते की शिकायत पर पुलिस ने मोकामा से JDU के प्रत्याशी अनंत सिंह समेत 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. अन्य 4 आरोपियों के नाम अनंत सिंह के दोनों भतीजें रणवीर सिंह, कर्मवीर और उनके साथ करीबी छोटन सिंह और कंजय सिंह हैं. वहीं कई अज्ञात लोगों को भी मर्डर केस में आरोपी बनाया गया है.
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कौन थे दुलारचंद यादव?
दुलारचंद यादव पटना जिले के मोकामा विधानसभा क्षेत्र के टाल इलाके में प्रभावशाली राजनेता थे. अपराध की दुनिया में कुख्यात बदमाश रहे दुलारचंद पर मर्डर, हत्या के प्रयास, जमीन कब्जाने, रंगदारी मांगने, फायरिंग करने, अवैध वसूली करने समेत आर्म्स एक्ट के तहत कई केस दर्ज थे. नवंबर 1991 में बाढ़ इलाके में कांग्रेस नेता सीताराम सिंह की हत्या हुई थी. मामले में दुलारचंद यादव और नीतीश कुमार समेत 4 लोगों पर केस दर्ज हुआ था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंचने के बाद नीतीश कुमार केस में बरी हो गए थे, लेकिन दुलारचंद यादव को राहत नहीं मिली.
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लालू यादव के बेहद करीबी
1990 के दशक में दुलारचंद यादव राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के समर्थक बने और पार्टी के ग्रासरूस कैडर के मेंबर रहे. साल 2017 तक दुलारचंद RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेहद करीब रहे. 2019 के चुनाव में वे नीतीश कुमार की रैलियों में नजर आए, लेकिन गिरफ्तारी के बाद नीतीश से उनके संबंध खराब हो गए. 2020 के मोकामा उपचुनाव में दुलारचंद यादव ने RJD की टिकट पर चुनाव लड़ रही अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को समर्थन दिया था, लेकिन बाद में अनंत सिंह से दुश्मनी हो गई. इस बार वे जनसुराजा के प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे.
यादव समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दुलारचंद पहलवानी के शौकीन थे और स्थानीय लोकगीत गाकर चुनावी माहौल बनाते थे.


 
 










