Who is Vanshidhar Brajwasi?: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के तिरहुत स्नातक के उपचुनाव की मतगणना में सभी बड़ी पार्टियों के प्रत्याशियों को पीछे छोड़ते हुए निर्दलीय उम्मीदवार वंशीधर ब्रजवासी ने सबसे ज्यादा वोट हासिल किए हैं। इस सीट पर लगातार निर्दलीय प्रत्याशी शिक्षक नेता बंशीधर ब्रजवासी कब्जा जमाए हुए हैं। इसी के साथ खबरों में उनकी काफी चर्चा हो रही है। सबके मन में एक ही सवाल है कि बड़ी-बड़ी पार्टियों के प्रत्याशियों को पछाड़ने वाले ये वंशीधर ब्रजवासी आखिर हैं कौन? आपके इसी सवाल का जवाब आज हम आपको देने जा रहे हैं।
एक शिक्षक नेता है वंशीधर ब्रजवासी
वंशीधर ब्रजवासी एक शिक्षक नेता हैं, जो मूलरूप से मुजफ्फरपुर जिले के दामुचक इलाके शिवपुरी में रहने वाले हैं। वंशीधर ब्रजवासी एक संगठन चलाते हैं, जिसका नाम परिवर्तनकारी शिक्षक संघ है। संगठन शिक्षकों के हक और हुकूक की लड़ाई लड़ने का काम करता है, खासकर प्रारंभिक शिक्षकों के हक की लड़ाई लड़ता है। वंशीधर ब्रजवासी और उनका संगठन अक्सर शिक्षकों के हक के लिए सरकार के निर्णयों के विरोध में आवाज उठाते रहते हैं, इसी की वजह से वह क्षेत्र में काफी लोकप्रिय भी हैं।
तिरहुत स्नातक उपचुनाव में निलंबित शिक्षक व निर्दलीय उम्मीदवार वंशीधर ब्रजवासी के आगे नीतीश-तेजस्वी-प्रशांत किशोर सब फेल,IAS अधिकारी केके पाठक से टकराव के कारण वंशीधर को निलंबित कर दिया गया था! #Bihar #TirhutGraduateConstituency pic.twitter.com/jdvFC58Bhr
— SOURAV RAJ (@souravreporter2) December 10, 2024
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लड़ते है शिक्षकों के हक की लड़ाई
शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी सरकार द्वारा जारी हर उस आदेश का विरोध करते हैं, जो उनकी नजर में शिक्षकों के सम्मान के खिलाफ होता है। जैसे एक बार शिक्षकों को खुले में शौच करने वालों को चिन्हित करने की जिम्मेदारी मिली तो उन्होंने इसका भी विरोध किया। इसी तरह एक बार शिक्षकों को दोपहर के भोजन के लिए अंडा खरीदने और बोरा बेचकर पैसा सरकार के पास जमा करने का आदेश मिला था, इसका भी उन्होंने और उनके संगठन ने बहुत विरोध किया।
के के पाठक के साथ हुआ टकराव
वंशीधर ब्रजवासी का टकराव शिक्षा विभाग के चर्चित एसीएस के. के. पाठक के साथ भी हुआ था, जिसके बाद वह बर्खास्त कर दिए गए थे। दरअसल, के. के. पाठक के कार्यकाल में ट्रांसफर समेत कई मामलों पर सरकार के विरोध करते हुए वंशीधर ब्रजवासी सड़क पर उतरे थे। इस दौरान उन्हें शिक्षकों के बीच लाठी वितरण करने के लिए नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था।
नौकरी से बर्खास्तगी के विरोध में ब्रजवासी हाईकोर्ट गए और मध्यावधि MLC उपचुनाव में कूद गए।
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क्षेत्र की जनता से की भावुक अपील
शिक्षक से नेता बनने के साथ ही वंशीधर ब्रजवासी ने अपने नामांकन के दिन ही मीडिया के सामने यह बयान दिया कि मेरी लड़ाई स्नातकों और शिक्षकों के स्वाभिमान की लड़ाई है। मैं हर स्नातक के लिए स्नातक स्वाभिमान भत्ता लागू करने की लड़ाई लड़ूंगा। ब्रजवासी ने पूरे परिवार के साथ चुनाव से एक दिन पहले रोते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। 1.38 मिनट के इस वीडियो में वंशीधर ब्रजवासी सपरिवार रोते हुए मतदाताओं से भावुक अपील कर रहे थे।
लोगों ने जताया ब्रजवासी पर भरोसा
स्नातक उपचुनाव में तिरहुत के मतदाताओं ने वंशीधर ब्रजवासी पर भरोसा जताया और प्रथम वरीयता में उन्हें 10,400 से अधिक वोट के अंतर से आगे रखा। इस चुनाव में पुराने दलीय उम्मीदवार तीसरे और चौथे स्थान पर चले गए।