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बिहार

नीतीश के ‘महिला संवाद’ पर तेजस्वी का हमला, कहा- सरकारी खर्चे से चुनावी प्रचार, जनता का पैसा किया जा रहा बर्बाद 

बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार पर बड़ा हमला किया है। तेजस्वी ने नीतीश कुमार की महिला संवाद यात्रा को सरकारी खजाने की लूट और जनता के पैसे पर चलाया जाने वाला चुनावी अभियान बताया है। वहीं, पटना में पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर आरोपों की झड़ी लगा दी।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Apr 19, 2025 13:24
RJD leader Tejaswi Yadav
राजेडी नेता तेजस्वी यादव।

अमिताभ ओझा, पटना।

बिहार में सीएम नीतीश कुमार के आदेश पर ‘महिला संवाद कार्यक्रम’ की शुरूआत हो गई है। शुक्रवार को सीएम ने महिला संवाद यात्रा के लिए 600 डिजिटल रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, लेकिन अब इस पर सियासत शुरू हो गई है। दरअसल, बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होनें हैं, ऐसे में विपक्ष किसी मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहता है। महिला संवाद कार्यक्रम को लेकर राजेडी नेता और पार्टी की ओर से सीएम पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर बड़ा हमला किया। पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है।

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क्या कहा तेजस्वी यादव ने?

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर सरकारी खजाने की लूट और जनता के पैसे पर चुनावी अभियान चलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ‘जेडीयू सरकारी पैसों से चुनाव प्रचार कर रही है। ‘महिला संवाद’ के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है। संवाद के नाम पर प्रचार के लिए 225 करोड़ रुपये की लागत से दिल्ली से 600 डिजिटल रथ मंगवाए गए हैं, इसके लिए जनता का पैसा बर्बाद किया जा रहा है। क्या ये आरजेडी की माई-बहन योजना का जवाब है? तेजस्वी यादव ने कहा कि मुझे यकीन था कि वो ऐसा करेंगे, लेकिन उनसे आगे हम ही रहेंगे।’

‘चुनावी खर्च निकालने के लिए टेंडर निकाले जा रहे हैं’

उन्होंने आगे कहा कि चुनावी खर्च निकालने के लिए आनन-फानन में टेंडर निकाले जा रहे हैं, लेकिन इनमें बिहार का कोई ठेकेदार नहीं होगा बल्कि बाहर के लोग आकर टेंडर लेंगे। इन योजनाओं में 30 परसेंट का कमीशन होगा। उन्होंने कहा कि लगभग 7 सौ करोड़ रुपये बिल्डिंग के रख-रखाव पर खर्च किए गए। आउटसोर्सिंग से निजी कंपनियों को हायर किया गया और खजाने की लूट की गई है। राज्य में सुनियोजित तरीके से संस्थागत भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

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भ्रष्टाचार और वित्तीय अराजकता की स्थिति

तेजस्वी ने आगे कहा कि बिहार में संस्थागत भ्रष्टाचार और वित्तीय अराजकता उत्पन्न हुई है। दिसंबर से लेकर अब तक 7 बार कैबिनेट की मीटिंग हुई है। जिसमें 76 हजार 622 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी गई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट 3 लाख 17 हजार करोड़ रुपये का है। 2024-25 की तुलना में 38 हजार करोड़ रुपए बढ़ा है। स्कीम एक्सपेंडिचर के लिए 1 लाख 16 हजार करोड़ दिया गया। सरकार को बताना चाहिए कि 1 लाख 16 हजार का प्रावधान किया गया है। इसमें पिछले साल की राशि शामिल है या नहीं। अगर है तो नई योजनाओं के लिए पैसा कहां से लाएंगे। सरकार कुल बजट का 8-9 प्रतिशत सिर्फ ब्याज देने में खर्च कर रही है यानी सालाना 25 हजार से 30 हजार करोड़ रुपया केवल ब्याज चुकाना पड़ रहा है।

कब-कब हुई कैबिनेट मीटिंग

  • 19/12/24— 1949 करोड़ की योजना को मंजूरी।
  • 10/1/25—-  12450 करोड़ की योजना को मंजूरी।
  • 4/2/25 —- 1649 करोड़ की योजना को मंजूरी।
  • 23/2/25 — 17625 करोड़ की योजना को मंजूरी।
  • 25/2/25 — 1425 करोड़ की योजना को मंजूरी।
  • 19/3/24 492 — करोड़ की योजना को मंजूरी।
  • 8/4/25 — 592 करोड़ की योजना को मंजूरी।

‘भ्रष्टाचार चरम पर’

तेजस्वी यादव ने कहा कि हर विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। बीडीओ, सीओ, थाना या कोई अन्य विभाग हो। हर जगह ऊपर से नीचे तक बिना पैसों के काम नहीं होता। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में 5 हजार ऐसे पुल बनाए गए हैं। जिसका कोई उपयोग नहीं है। बिना एप्रोच रोड के ही पुल-पुलिया बनाने का फैसला किसने लिया। सवाल पूछने पर सरकार से कोई जवाब नहीं मिलता है। नल-जल योजना में भी भ्रष्टाचार चरम पर है।

First published on: Apr 19, 2025 01:22 PM

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