Bihar Vidhan Sabha Election 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक हलचल तेज है। राजद, कांग्रेस, एनडीए और हम समेत हर छोटी-बड़ी पार्टी चुनाव की तैयारियों में लगी हुई हैं। इसी बीच द प्लूरल्स पार्टी (TPP) की चीफ पुष्पम प्रिया चौधरी ने प्रदेश की सभी 243 सीट पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है और चिराग पासवान, प्रशांत किशोर समेत अन्य नेताओं पर निशाना साधा है।
आइए आपको बताते हैं कि पुष्पम प्रिया चौधरी कौन हैं? बिहार की राजनीति में वह अपना क्या प्रभाव रखती हैं और इनकी पार्टी द प्लूरल्स पार्टी (TPP) का विधानसभा चुनाव में क्या भविष्य है? यहां बता दें कि टीपीपी ने साल 2020 में एक राजनीतिक आंदोलन ‘सबका शासन’ की शुरुआत की थी। इसके अलावा पुष्पम प्रिया चौधरी ने 2020 विधानसभा चुनाव में पटना की बांकीपुर और बिस्फी दो विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गई थीं।
बिहार की नौकरी बिहारी के लिए होगी, ये मेरा संकल्प है पिछले पाँच साल से। पूरे 100%, एक प्रतिशत भी कम नहीं। बाकी दल अपना पाखंड छोड़ें और यही संकल्प लें। #bihar_needs_domicilepolicy
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) June 10, 2025
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कौन हैं पुष्पम प्रिया चौधरी, 2015 में बिहार के वोटिंग पैटर्न पर की रिसर्च
पुष्पम प्रिया चौधरी का जन्म दरभंगा में हुआ है। वह जेडीयू नेता और पूर्व MLC विनोद चौधरी की बेटी हैं। अपने पिता के राजनीति में होने के चलते वह हमेशा पॉलिटिक्स से जुड़ी रहीं। बताया जाता है कि साल 2015 में उन्होंने बिहार में वोटिंग पैटर्न और वोटिंग व्यवहार पर एक रिसर्च की थी।
जन सुराज को बताया डस्टबिन पार्टी, फिर लड़ेंगी चुनाव
जानकारी के अनुसार द प्लूरल्स पार्टी की सुप्रीमो पुष्पम प्रिया चौधरी ने 2020 चुनाव में खुद को प्रदेश का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। उन्होंने बांकीपुर और बिस्फी सीट विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा लेकिन वह नाकामयाब रही थीं। अब जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर जैसे-जैसे समय नजदीक आता जा रहा है यहां नेताओं के सरगर्मियां बढ़ गई हैं। इन दिनों पुष्पम प्रिया जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बनी हुई हैं। उन्होंने प्रशांत किशोर के लिए कहा कि उनकी पार्टी डस्टबिन पार्टी है। जबकि चिराग पासवान के लिए सवाल खड़े किए कि उन्होंने अपनी विधानसभा चुनाव के लिए कुछ काम नहीं किया है। बहरहाल आने वाले विधानसभा चुनाव में टीपीपी कितनी सफल रहती है ये तो चुनाव नतीजे ही बताएंगे।
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