पूर्णिया के बाहुबली सांसद पप्पू यादव को धमकी मिली है। पप्पू यादव का कहना है कि पटना के पारस अस्पताल में हुई घटना के विरोध में बोलने पर उनको यह धमकी दी गई है। न्यूज 24 से बात करते हुए पप्पू यादव ने बताया की वो पहले हॉस्पिटल गए थे, फिर राजभवन गए। लेकिन वहां से निकलने पर मेरे करीबी को एक कॉल आया, जिसमें कहा गया की इस घटना से अलग हो जाइये, नहीं तो ज्यादा बोलना महंगा पड़ सकता है।
दरअसल, पटना के राजाबाजार स्थित पारस हॉस्पिटल में इलाज के दौरान एक कैदी को चार अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। गोली लगने वाला शख्स चंदन मिश्रा है, जो बेऊर जेल से पैरोल पर बाहर आया था और इलाज के लिए पारस हॉस्पिटल में भर्ती था।
पप्पू यादव को पारस अस्पताल में जाने से रोका
पप्पू यादव पटना के पारस अस्पताल में हुई हत्या के बाद वहां पहुंचे थे और अस्पताल के अंदर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बाहर ही रोक दिया। इस दौरान पप्पू यादव और कुछ पुलिसकर्मियों के बीच हल्की बहस भी हुई। पारस अस्पताल पहुंचे पप्पू यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है।
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पप्पू यादव ने बिहार में राष्ट्रपति शासन की मांग की
पारस अस्पताल गोलीबारी कांड के बाद पुलिस द्वारा घटनास्थल पर रोके जाने पर पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में नर्स, डॉक्टर और आम नागरिक कोई भी सुरक्षित नहीं है और यहां प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है। पप्पू यादव ने नेताओं पर पैसे के बल पर राजनीति करने, जाति के आधार पर अपराधियों का चयन करने, फर्जी एनकाउंटर करने और गोली चलाने वालों को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार सरकार नहीं चला रहे हैं, बल्कि भाजपा सरकार चला रही है।
‘आम जनता सुरक्षित नहीं, नीतीश का शासन खत्म’
सांसद ने कहा कि बिहार में आम लोग पूरी तरह असुरक्षित हैं। उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि नीतीश कुमार का शासन अब नहीं रहा, बल्कि भारतीय जनता पार्टी ही पर्दे के पीछे से शासन चला रही है। नीतीश जी सिर्फ नाम के मुख्यमंत्री हैं, वास्तविक में सरकार भाजपा चला रही है। सांसद ने कहा कि बिहार की पुलिस जाति देखकर कार्रवाई करती है। पुलिस का ध्यान अपराधियों को पकड़ने की बजाय मामलों की लीपापोती पर है। पप्पू यादव ने दोहराया कि बिहार में सिर्फ राष्ट्रपति शासन ही विकल्प है। जब प्रशासन अपराधियों को संरक्षण देने लगे तो जनता को सुरक्षित रखने की सारी उम्मीदें खत्म हो जाती हैं।
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