Bihar News: बिहार सरकार सभी किसानों को डेडिकेटेड फीडर से कृषि कार्य के लिए बिजली मुहैया करवा रही है। अब किसानों को मिलने वाली यह बिजली सौर ऊर्जा या अक्षय ऊर्जा से प्रदान की जाएगी। इस योजना के तीसरे चरण में 1200 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा संयंत्रों के माध्यम से फीडरों को दी जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही इस सूर्य ऊर्जा को अक्षय ऊर्जा बताते हुए विकसित करने के लिए निर्देश दे चुके हैं।
वे इसे असली ऊर्जा बताते हुए 2019 में शुरू की गई जल जीवन हरियाली योजना की 11 कार्य योजनाओं में शामिल कर चुके हैं। इसके मद्देनजर ऊर्जा विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। वर्तमान में किसानों को डेडिकेटेड फीडरों से मिलने वाली सारी बिजली थर्मल ऊर्जा प्लांटों से मुहैया करवाई जाती है। यह बिजली काफी महंगी पड़ती है। इसका विकल्प राज्य सरकार अक्षय ऊर्जा के माध्यम से तलाश कर रही है।
हर घर, हर भवन को रोशन करने का अभियान!
ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर परियोजना के तहत अब तक राज्य के 10 हजार 433 सरकारी भवनों (94.34 मेगावाट) तथा 5 हजार 683 निजी भवनों (21 मेगावाट) के सोलर पैनल की स्थापना से बिजली उत्पादन में हुई वृद्धि, रोशन हुए घर।
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— IPRD Bihar (@IPRDBihar) February 25, 2025
जल्द जारी होगी सूचना
सरकार ने कृषि फीडरों के सोलराइजेशन यानी सूर्य से ऊर्जा प्रदान करने का निर्णय लिया है, ताकि किसानों को सूर्य ऊर्जा के माध्यम से बिजली पैदा कर दिन में ही इसे उपलब्ध करवा दिया जाए। इससे किसानों को रात में सिंचाई के लिए अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। तृतीय चरण योजना के लिए आवेदन मांगे गए हैं। सूचना एवं जन संपर्क विभाग की तरफ से जल्द इसको लेकर सूचना जारी की जाएगी। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि सौर ऊर्जा की मदद से कृषि फीडरों को बिजली मुहैया करवाने से किसानों को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने में काफी मदद मिलेगी।
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इससे बिजली की दर पर दी जा रही सब्सिडी में थोड़ी कमी आएगी। राज्य में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी। प्रदेश के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि राज्य की भविष्य में बढ़ती हुई ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए यह सबसे महत्वपूर्ण पहल है। कृषि फीडरों का सोलराइजेशन करने से सूखे जैसी परिस्थितियों से निपटने में मदद मिलेगी। दूसरे चरण में 112 कंपनियां निविदा में हिस्सा ले रही हैं। इसमें निवेश से भविष्य में निवेशकों को भी टिकाऊ रिटर्न मिलेगा।
जून तक सभी सभी किसानों को मिलेगा लाभ
इस वर्ष जून तक राज्य के सभी किसानों को पटवन समेत अन्य कृषि कार्यों के लिए डेडिकेटेड फीडर से बिजली मिलने लगेगी। राज्य में ऐसे 3000 फीडरों की आवश्यकता है, जिसमें अभी 2500 तैयार हो चुके हैं। जून तक बचे हुए लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा। इसके अलावा सूबे के 2 लाख 85 हजार किसान ऐसे हैं, जिनके आवेदन आने के बाद उन्हें कृषि कनेक्शन नहीं दिया जा सका है। मुख्यमंत्री के विशेष निर्देश पर जून 2025 तक बचे हुए सभी किसानों को कृषि कनेक्शन मुहैया करवा दिए जाएंगे। इस पर बिजली विभाग खास तौर पर काम कर रहा है।
5.55 लाख किसानों को मिला कनेक्शन
राज्य के कृषि फीडरों से अब तक 5 लाख 55 हजार किसानों को मुख्यमंत्री कृषि पंप विद्युत कनेक्शन योजना के अंतर्गत कनेक्शन दिए जा चुके हैं। शेष किसानों को इस वर्ष के अंत तक कनेक्शन दे दिए जाएंगे। अभी 3970 करोड़ की सब्सिडी सरकार दे रही है। बिहार में 8 हजार मेगावाट बिजली की खपत होती है, जिसमें 1150 मेगावाट बिजली सिंचाई के लिए किसानों को उपलब्ध करवाई जाती है। वर्तमान में यह बिजली थर्मल पॉवर प्लांटों से सामान्य रूप से 6 रुपये 74 पैसे की दर से खरीदकर किसानों को 0.55 रुपये की दर से उपलब्ध करवाई जाती है।
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