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बिहार में BJP की बढ़ी टेंशन, लालू-नीतीश नहीं ये पार्टी लगाएगी प्रदेश के 17% वोट बैंक में सेंध

Bihar Election 2025: बिहार में वक्फ बोर्ड बिल के मुद्दे पर इमारत-ए-शरिया संगठन ने गांधी मैदान में बीते दिनों बड़ी रैली की। इस रैली में तेजस्वी यादव, दीपांकर भट्टाचार्य, पप्पू यादव और इमरान प्रतापगढ़ी सरीखे इंडिया गठबंधन के कई नेता शामिल हुए।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Amit Kasana Updated: Jul 2, 2025 13:27
बिहार विधानसभा चुनाव 2025

Bihar Election 2025: बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव 2025 होने हैं। इसी के मद्देनजर इन दिनों प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। बीते दिनों यहां गांधी मैदान में इमारत-ए-शरिया ने बड़ी रैली की। इस रैली में काफी संख्या में अल्पसंख्यक समाज और अन्य लोग पहुंचे थे। बता दें इमारत-ए-शरिया धार्मिक संगठन है, जो इस्लाम और शरिया के सिद्धांतों पर काम करता है। ये संगठन खासतौर पर बिहार, ओडिशा और झारखंड में सक्रिय है। जानकारी के अनुसार बिहार में कुल जनसंख्या का करीब 17.7 प्रतिशत मुस्लिम वोटबैंक हैं। इस वोट बैंक पर इंडिया गठबंधन, एनडीए, हम, राष्ट्रीय जनता दल और अन्य सभी राजनीतिक पार्टियों की नजर है।

बिहार की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ है, जो 2011 के मुकाबले बढ़ी है

2023 की जाति आधारित जनगणना के अनुसार बिहार की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ है। जबकि इससे पहले 2011 की जनगणना में प्रदेश की जनसंख्या 10.41 करोड़ थी। बता दें इमारत-ए-शरिया की रैली में तेजस्वी यादव, दीपांकर भट्टाचार्य, पप्पू यादव और इमरान प्रतापगढ़ी सरीखे इंडिया गठबंधन के कई नेता शामिल हुए। बिहार में कुल 243 विधानसभा सीट हैं, इनमें से करीब 47 सीटों पर बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाता हैं।

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2020 में राजद के 8 मुस्लिम विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे

2020 विधानसभा चुनाव में कुल 20 मुस्लिम विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। जबकि 2015 में ये संख्या 24 और इससे पहले 2010 में यह आंकड़ा 19 था। चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में मुस्लिम मतदाताओं का मिजाज लगातार बदला है। असदुद्दीन ओवैसी की नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने 2020 में पांच सीटों पर चुनाव लड़ा और वह पांचों सीट जीती थी। जबकि बीजेपी ने मुस्लिम बाहुल्य 74 विधानसभा पर अपने प्रत्याशी उतारे और एक पर भी वह अपना खाता नहीं खोल सकी। इसके अलावा 2020 में बीएसपी के 1, कांग्रेस के 4, जेडीयू और एलजेपी के 0 और राजद के 8 मुस्लिम प्रत्याशी जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।

24 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाता प्रभावशाली भूमिका में

बहरहाल, बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में इमारत-ए-शरिया या इस जैसी अन्य धार्मिक संगठन वोटिंग पर क्या असर डालेंगी? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन एक बात तो साफ है कि बीजेपी, कांग्रेस, राजद या जेडीयू मुस्लिम वोटों को अपने हाथों से फिसलने नहीं देना चाहती हैं। इसी के मुद्देनजर 2020 में सबसे ज्यादा 74 सीटों पर बीजेपी, राजद ने 75, जेडीयू ने 43, कांग्रेस ने 19 और सीपीआईएमएल ने 12 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे। इसके अलावा यहां सीमांचल इलाके की 24 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाता काफी असरदार भूमिका में हैं। इतना ही नहीं प्रदेश की करीब एक दर्जन विधानसभा ऐसी हैं जहां 40% से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं।

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First published on: Jul 02, 2025 12:27 PM

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