जन सुराज पार्टी की तरफ बिहार विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी गई है. कई कार्यकर्ता जो अपने नाम को कंफर्म मान कर चल रहे थे, उनका नाम कट गया है. इससे उनमें नाराजगी देखने को मिली है. कई कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन भी किया गया और पहली लिस्ट के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है. अब पार्टी में बगावत भी देखने को मिल रही है.
टिकट ना मिलने पर नाराज जनसुराज की कार्यकर्ता पुष्पा सिंह ने कहा, “सभी पार्टी को छोड़ कर हमने जन सुराज के प्रशांत किशोर पर भरोसा किया. जब से उनकी पैदल यात्रा चली है उनके साथ हम चले हैं. मुझे टिकट नहीं मिला. पहले कहा जाता था कि जिसने सबसे ज्यादा मेहनत की है उसे टिकट मिलेगा. जिसके नाम की घोषणा की गई है वे मशरक गांव में घूमने भी नहीं आया है. इंसाफ नहीं हुआ है.
इसके साथ ही RCP सिंह की बेटी लता सिंह को टिकट दिए जाने से जनसुराज के कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी देखने को मिली. कई जगहों पर प्रदर्शन करने लगे और पार्टी का ही विरोध करने लगे. जनसुराज के कार्यकर्ताओं का कहना है कि योग्य लोगों को टिकट नहीं दिया गया है. प्रशांत किशोर को हम सबसे अलग मानते थे लेकिन वे ऐसे नहीं है.
प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने 51 में से 17 अति पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को टिकट दिया है. जन सुराज की इस लिस्ट में 11 पिछड़ा उम्मीदवार हैं. साथ ही 9 अल्पसंख्यकों को भी टिकट दिया गया है. इसके अलावा सामन्य वर्ग यानी भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण और कायस्थ जाति को टिकट दिया गया है.
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कार्यकर्ताओं की नाराजगी पर प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी नाराजगी जायज है. प्रशांत किशोर ने कहा कि आज जिन लोगों को टिकट नहीं मिला, उनके लिए थोड़ा गुस्सा या निराशा महसूस करना स्वाभाविक है, लेकिन वे जानते हैं कि जन सुराज में धन या बाहुबल का कोई प्रभाव नहीं है. हमने समाज से किए गए वादों को पूरा किया है और बिहार में जन सुराज स्थापित करने में केवल 243 लोगों ने नहीं, बल्कि हजारों लोगों ने योगदान दिया है, जिनमें से 243 चुनाव लड़ रहे हैं.