गुजरात में कांग्रेस का 84वां अधिवेशन बुधवार को खत्म हो गया। इस अधिवेशन में सरदार पटेल पर सात सूत्रीय प्रस्ताव पारित किया गया। इस अधिवेशन में बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव भी शामिल हुए। लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था। हालांकि पूर्णिया सीट पर आरजेडी के उम्मीदवार उतारने के बाद वे निर्दलीय ही मैदान में उतरे और उन्होंने जीत दर्ज की। जीत के बाद पप्पू यादव ने कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया।
कांग्रेस आलाकमान का मुझसे विशेष स्नेह
कांग्रेस अधिवेशन में शामिल होने आए पप्पू यादव ने न्यूज24 से विशेष बातचीत में कहा कि यहां आना आश्यर्चजनक नहीं है। मेरी विचारधारा कांग्रेस की विचारधारा रही है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर मेरा पूरा भरोसा है। झारखंड, दिल्ली और महाराष्ट्र में मैंने कांग्रेस की ओर से पूरी कैंपेनिंग की है। पूरे देश में कांग्रेस मजबूत होना चाहती है। कांग्रेस अब संगठन पर ध्यान दे रही है। लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि गठबंधन किसी भी दल की मजबूरी हो सकती है। राहुल गांधी और सोनिया गांधी का मेरे प्रति विशेष स्नेह है। कांग्रेस आज भी देश की सबसे बड़ी पार्टी है।
कांग्रेस राजा, मैं रंक
अहमदाबाद में कांग्रेस अधिवेशन में शामिल हुए पप्पू यादव ने कहा कि आर्थिक, सामाजिक, वैचारिक और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और देशहित में उठाई जाने वाली हर आवाज में मैं सदैव शामिल रहूंगा। वहीं बिहार में आने वाले समय में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में अपनी जिम्मेदारी को भी पूरी निष्ठा से निभाऊंगा। हालांकि इससे पहले दिल्ली में हुई कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक में पप्पू यादव को नहीं बुलाए जाने से उनके नाराज होने की अटकलें थी। पप्पू यादव ने कहा कि कांग्रेस राजा है और मैं रंक हूं। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव को लेकर पार्टी जो भी जिम्मेदारी मुझे देगी, उसे पूरी निष्ठा से निभाऊंगा।
ये भी पढ़ेंः AICC महाधिवेशन में शामिल हुए पप्पू यादव, कहा- कांग्रेस RJD के साथ अपमानित फील करती है
बिहार चुनाव में पप्पू यादव की भूमिका अहम
बिहार चुनाव से पहले 6 महीने पहले कांग्रेस एक बार फिर प्रदेश में अपने आप को जीवंत करने में जुट गई है। कांग्रेस की युवा विंग के अध्यक्ष कन्हैया कुमार रोजगार दो नामक यात्रा निकाल रहे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने खास सिपहसालार कृष्णा अल्लावारु को नया प्रभारी नियुक्त किया है। इसके बाद उन्होंने ताबड़तोड़ फैसले किए। सबसे पहले उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह की जगह दलित चेहरे और विधायक राजेश कुमार को नया अध्यक्ष नियुक्त किया। पार्टी का फोकस दलित और अल्पसंख्यक वोटर्स पर है। ऐसे में आने वाले समय में तेजस्वी यादव की मुश्किलें और बढ़ सकती है। गठबंधन में सीएम फेस को लेकर लगातार बयानबाजी हो रही है। ऐसे में पप्पू यादव अगर बिहार में कांग्रेस की ओर से मोर्चा संभालते हैं तो यह पार्टी के लिए संजीवनी साबित होगी।
ये भी पढ़ेंः ‘जिस महिला की हत्या हुई वह मेरी नातिन नहीं’, जीतन राम मांझी ने गोलीकांड पर दिया बयान