Bihar News: बिहार के पटना में कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। मंगलवार को पटना के डीजीपी विनय कुमार और एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने प्रेसवार्ता के दौरान बड़ा दावा किया है। डीजीपी ने बताया कि जमीन विवाद और पैसों के लेनदेन के चलते गोपाल खेमका की हत्या की गई थी। शूटर को 4 लाख रुपये की सुपारी अशोक साहू द्वारा दी गई थी। जिसमें से 50 हजार रुपये एडवांस दिए गए थे। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक व तकनीकी अनुसंधान के आधार पर पटना शहर के सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिनसे अपराधियों की पहचान हुई और उन्हें गिरफ्तार किया गया। दो आरोपियों की गिरफ़्तारी हुई है जबकि एक अपराधी मारा गया है।
हत्याकांड का मास्टरमाइंड अशोक साहू
डीजीपी विनय कुमार और एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि आरोपी उमेश यादव की निशानदेही पर पुलिस ने अशोक साहू को गिरफ्तार किया, जो न सिर्फ हत्या की साजिश में शामिल था बल्कि उसने शूटर को गोपाल खेमका की दिनचर्या भी बताई। अशोक के घर से एक पिस्टल, बड़ी संख्या में जमीन के कागजात, और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए हैं। पुलिस के मुताबिक, हत्या के पीछे जमीन से जुड़ा विवाद मुख्य कारण था, जिसमें कई अन्य कारोबारियों की भी भूमिका सामने आ सकती है। इससे पहले भी अशोक से कमलिया हत्याकांड और टेकरीवाल हत्याकांड में पूछताछ हुई थी जबकि बिहारशरीफ़ में हत्या के एक मामले में वो जेल भी गया था।
कई विवादित जमीन की बात आई सामने
एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि अशोक का नाम कई विवादित जमीन के लेन देन में भी आया था। पटना पुलिस के अनुसार यह जांच का विषय है की अशोक का गोपाल खेमका के साथ खुद की रंजिश थी या कोई और भी इस मामले में संलिप्त है। अशोक के मोबाईल फोन और लैपटॉप से कई ऑडियो मिली है। इनमे कुछ ऑडियो गोपाल खेमका के साथ की भी है।
मोबाइल रिकॉर्डिंग से खुलासा
एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने बताया कि पुलिस के हाथ एक मोबाइल बातचीत की रिकॉर्डिंग भी लगी है जिसमें अशोक साहू और गोपाल खेमका के बीच जमीन को लेकर तीखी बहस और गाली-गलौज होती है। यह बातचीत हत्या के पीछे के विवाद को सीधे तौर पर उजागर करती है। उल्लेखनीय है कि अशोक साहू का नाम पहले भी मनोज कमलिया हत्याकांड में सामने आ चुका है और वह पहले भी जेल जा चुका है।
शूटर को भरनी थी बेटी की स्कूल फीस
पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि हत्या में शामिल उमेश यादव की आर्थिक स्थिति खराब थी। उसकी बेटी की स्कूल फीस बकाया थी। एडवांस मिले 50 हजार रुपये में से 45 हजार रुपये उसने बेटी की स्कूल फीस जमा की थी। उमेश यादव का अभी पुराना आपराधिक इतिहास नहीं मिला है। इस कांड के बारे में उमेश ने बताया हैं की उसकी अशोक से डेढ़ साल पुरानी जान पहचान है। गोपाल खेमका की हत्या के लिए अशोक ने उससे शूटर ढूंढने को कहा था। जिसके बाद उसने मालसलामी के रहने वाले विकास उर्फ राजा से सम्पर्क किया लेकिन राजा ने पैसा ज्यादा मांगा। जिसके बाद उमेश यादव ने खुद ही हत्या करने का प्लान बनाया। हत्या करने के लिए उसे हथियार साव ने ही उपलब्ध कराया था जो उसके फ्लैट से बरामद भी हुआ।
गुंजन हत्याकांड की भी खुलेगी फाइल
डीजीपी विनय कुमार ने यह भी बताया कि 15 जुलाई 2025 को गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका हत्याकांड की सुनवाई होनी है। पुलिस इस पहलू को भी इस हत्याकांड से जोड़कर देख रही है। हालांकि उस पुराने मामले के मुख्य शूटर मस्तु की पहले ही हत्या की जा चुकी है। डीजीपी के अनुसार गुंजन हत्याकांड की फाइल भी खोली जाएगी। इस बात की जांच की जाएगी कि अशोक और उमेश का लिंक गुंजन हत्याकांड से भी तो नहीं था।
राजा एनकाउंटर पर सवाल
प्रेसवार्ता में डीजीपी ने यह भी बताया कि राजा एनकाउंटर की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह देखा जाएगा कि एनकाउंटर पुलिस मैनुअल और प्रक्रियात्मक मानकों के अनुसार हुआ या नहीं। जांच के दौरान संबंधित थाने के अधिकारी शामिल नहीं होंगे। हालांकि पटना के एसएसपी ने कहा की विकास को उमेश की निशानदेही पर गिरफ्तार किया गया था। जब उसे लेकर हथियार बरामदगी के लिए पुलिस टीम गई तो पुराने ईंट भट्ठे के पास छुपाकर रखे हथियार से फायरिंग करने लगा। जवाब में पुलिस ने गोली चलाई जिससे उसकी मौत हो गई।
बेउर जेल से लिंक पर अभी जांच जारी
एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि जांच के दौरान कुछ फोन नंबर मिले थे जिसके आधार पर जेल में बंद अपराधियों से पूछताछ हुई थी। अभी जांच जारी है। जरुरत पड़ने पर उन्हें रिमांड पर लिया जाएगा। इस बीच आज दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। बाद में सभी को रिमांड पर लिया जाएगा।