बक्सर से बबलू उपाध्याय की रिपोर्टः 13 जनवरी को वाराणसी (Varanasi) से डिब्रूगढ़ (Dibrugarh) के लिए रवाना हुआ गंगा विलास क्रूज (Ganga Vilas Cruize) शनिवार की देर रात बक्सर (Buxar) पहुंच गया। इस क्रूज पर देशी और विदेशी मिलाकर कुल 31 सैलानी सवार हैं। सैलानियों का स्वागत गंगा घाट पर ढोल-नगाड़ों से किया गया । इस दौरान बक्सर के तमाम लोग गंगा घाटों पर सैलानियों को देखने के लिए जमा हुए थे। व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के बीच सैलानी बक्सर शहर में घूमने के लिए गए और फिर वापस लौट आए।
भारतीय संस्कृति को जीवित रखेगी यात्रा
क्रूज में सवार संचालक राज सिंह ने कहा की गंगा विलास क्रूज की यह यात्रा भारतीय संस्कृति को जीवित रखने वाली यात्रा है। उन्होंने बताया कि गंगा विलास क्रूज भारत में निर्मित है, भारत की नदियों के मुताबिक कम गहरे पानी में भी चल सकता हैं। क्रूज की स्पीड अपस्ट्रीम में 12 किलोमीटर प्रति घंटा और डाउनस्ट्रीम 20 किलोमीटर तक है। इसमें शुद्ध पेयजल के लिए आरओे सिस्टम है और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी है ।
होगा रोजगार का सृजन
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) का आभार जताते हुए कहा कि यात्रा पर्यटन को बढ़ावा देने वाली होगी। निश्चित रूप से बक्सर जैसे शहर में भी जब सैलानी आएंगे तो रोजगार का सृजन होगा और सभी लाभान्वित होंगे तथा अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि क्रूज में जरूरत की तमाम सुविधाएं मौजूद हैं। किराए की बात करें तो भारत में 25 हजार रुपये और बांग्लादेश में 50 हजार रुपये प्रति दिन किराया रखा गया है। इसके अतिरिक्त जिस प्रकार से लोगों ने यहां स्वागत किया और प्रशासन की तरफ से जो सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे वह भी काबिल-ए-तारीफ हैं
आधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं गंगा विलास
भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की माने तो गंगा विलास भारत में निर्मित पहला जलयान हैं। यह आधुनिक सुविधाओं से युक्त और पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इस जलयान में 18 कमरे हैं, 21 दिसंबर को इसमें सभी यात्री कोलकाता के सवार हुए और 22 दिसंबर को यह जलयान वहां से रवाना हुआ था। पुनः इसने 13 जनवरी को वाराणसी से यात्रा प्रारंभ की है। आने के क्रम में 15 दिन यह बांग्लादेश की जल सीमा में भी रहा है, वापसी के क्रम में भी यह 15 दिन बांग्लादेश (Bangladesh) के जल सीमा से होते हुए वापस कोलकाता (Kolkatta) पहुंचेगा ।
गंगा, मेघना और ब्रह्मपुत्र में सफर करेंगे यात्री
इस क्रूज में 31 यात्री सवार हैं। 32 सौ किलोमीटर की यह नदी यात्रा 27 नदियों के मार्गों से गुजरेगी। इसमें रास्ते में मुख्य तीन नदियां गंगा, मेघना और ब्रह्मपुत्र होंगी। क्रूज बंगाल में गंगा की सहायक और दूसरे नामों से प्रचलित भागीरथी, हुगली, बिद्यावती, मालटा, सुंदरबन रिवर सिस्टम, वहीं बांग्लादेश में मेघना, पद्मा, जमुना और फिर भारत में ब्रह्मपुत्र से असम में प्रवेश करेगा। भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल की वजह से यह यात्रा बांग्लादेश को क्रॉस करेगी। इनमें ऐसे स्थल भी है जो विश्व विरासत में शामिल हैं। यात्रा लंबी है ऐसे में यह उबाऊ ना हो इसके लिए क्रूज़ पर गीत-संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही जिम आदि की सुविधा भी उपलब्ध हैं ।