बिहार में बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी तेज हो गई है। पटना में बुलेट ट्रेन के ट्रैक के लिए जमीन अधिग्रहण का प्रोसेस तेज कर दिया गया है। फुलवारीशरीफ के सीओ की तरफ से इसके लिए जमीन मालिकों को नोटिस जारी कर जमीन अधिग्रहण के मकसद से कागजात जमा करने को कहा गया है। पटना जिले में 58 गांवों की जमीन को चिन्हित किया गया है। इसके लिए सरकार ग्रामीण क्षेत्र के जमीन मालिकों को सर्किल रेट से 4 गुना मुआवजा देगी। शहरी क्षेत्र के जमीन मालिकों को 2 गुना मुआवजा मिलेगा। 350 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलने वाली बुलेट ट्रेन के लिए बिहार के 5 जिलों में 260 किमी लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनना है। एलिवेटेड ट्रैक के लिए जमीन कम इस्तेमाल होने के साथ-साथ ट्रेन की स्पीड भी अच्छी रहेगी। इसीलिए एलिवेटेड ट्रैक बनाया जा रहा है। यह ट्रेन वाराणसी-पटना-हावड़ा हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का भाग होगा।
बिहार के किन शहरों से गुजरेगी
इस प्रोजेक्ट के लिए फिलहाल एजेंसी का चुनाव नहीं हुआ है, लेकिन जो सूचना है उसके अनुसार ये दो स्टेजों में पूरा किया जाएगा। पहली स्टेज में पटना, जहानाबाद, बक्सर, आरा और गया में एलिवेटेड ट्रैक बनेगा। दूसरी स्टेज में दिल्ली से वाराणसी तक ट्रैक बनेगा। प्रोजेक्ट के लिए एजेंसी चुनाव करने की जिम्मेदारी नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से की जाएगी।
क्या-क्या सुविधाएं होंगी
पटना जिले में 60.9 किमी लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनेगा। इसके लिए नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को 135.06 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। वाराणसी से हावड़ा जाने में इस ट्रेन को साढ़े 3 से 4 घंटे लगेंगे। बुलेट ट्रेन 350 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलेगी। बुलेट ट्रेन में कई तरह की सुविधाएं होंगी। इसमें ऑटोमैटिक डोर और आरामदायक चेयर होंगी। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी बोगियों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
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