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बिहार

गावों में हो सकेगी मिट्टी की जांच, प्रयोगशालाओं की होगी स्थापना, उप मुख्यमंत्री ने कहा- किसानों को होगा फायदा

बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने घोषणा की है कि मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना के तहत राज्य के 470 प्रखंडों में ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी, जिससे किसानों को फसल और भूमि सुधार के लिए वैज्ञानिक सलाह मिल सकेगी।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Jun 13, 2025 23:03
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा

बिहार के उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना के अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में राज्य के 470 प्रखण्डों में एक-एक ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी। इन प्रयोगशालाओं के माध्यम से स्थानीय किसानों को उनके खेतों की मिट्टी का परीक्षण सुलभ और समयबद्ध रूप से उपलब्ध होगा, जिससे उन्हें फसल चक्र, उर्वरक उपयोग और भूमि सुधार के संबंध में वैज्ञानिक सलाह प्राप्त हो सकेगी।

गांवों तक पहुंचेगी कृषि तकनीक

उन्होंने कहा कि इस पहल से फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी एवं खेती की लागत में कमी आएगी, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि इन प्रयोगशालाओं की स्थापना से न केवल कृषि तकनीक को गांवों तक पहुंचाया जाएगा, बल्कि शिक्षित बेरोजगार युवाओं को भी स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। वर्तमान में राज्य के विभिन्न प्रखण्डों में कुल 72 ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं, जिन्हें विस्तार देकर अब प्रत्येक प्रखण्ड में एक प्रयोगशाला की स्थापना की जा रही है।

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कृषि उत्पादन की दृष्टि से जरूरी है मिट्टी का सुधार

उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना के तहत राज्य के 34 जिलों की विभिन्न पंचायतों में क्षारीय मिट्टी और 4 जिलों में अम्लीय मिट्टी के सुधार का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। अत्यधिक क्षारीय अथवा अम्लीय मिट्टी फसलों की उपज को प्रभावित करती है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए, मिट्टी का सुधार कृषि उत्पादन की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है।

उप मुख्यमंत्री सिन्हा ने यह भी बताया कि पिछले वर्षों में विश्लेषित किए गए मिट्टी नमूनों के आधार पर राज्य के कुल 1900 हेक्टेयर भूमि में सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति की जाएगी। इसके अंतर्गत प्रत्येक जिले में 500 हेक्टेयर भूमि पर जिंक एवं बोरॉन जैसे आवश्यक तत्वों का वितरण किया जाएगा, जिससे भूमि की उर्वरता में सुधार होगा और बेहतर उपज सुनिश्चित की जा सकेगी।

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First published on: Jun 13, 2025 11:03 PM

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